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जयशंकर ने रूस से पाकिस्तान को दी चेतावनी, जानें क्या बोले

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 21, 2025, 17:03 pm IST
Keywords: राजधानी मॉस्को   आतंकवाद   भारत   Speaking to the press alongside    FM Sergey Lavrov   in Moscow   
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जयशंकर ने रूस से पाकिस्तान को दी चेतावनी, जानें क्या बोले

भारत ने रूस की राजधानी मॉस्को से एक बार फिर वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ अपना स्पष्ट और ठोस रुख जाहिर किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत और रूस दोनों किसी भी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं और इसका संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह बयान न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को लेकर भारत की रणनीति को दर्शाता है, बल्कि पाकिस्तान के लिए एक अप्रत्यक्ष लेकिन साफ संदेश भी है.

साझेदारी को और गहरा करेंगे भारत-रूस

बैठक के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने कहा कि भारत-रूस संबंधों की नींव दशकों पुरानी है और यह न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल में बेहद प्रासंगिक भी है. रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने भारत को एक “रणनीतिक और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदार” बताया और कहा कि इस रिश्ते में स्थायित्व, विश्वास और सहयोग की मजबूत बुनियाद है.

जयशंकर ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को पारंपरिक सहयोग के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नवीन क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ानी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच "Doing more and doing differently" यानी "ज्यादा करना और अलग तरीके से करना" की सोच अब समय की मांग है.

आर्थिक सहयोग पर चर्चा: व्यापार को संतुलन देने की पहल

भारत-रूस बैठक केवल कूटनीति या सुरक्षा तक सीमित नहीं रही. आर्थिक संबंधों पर भी गहन बातचीत हुई. जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि भारत चाहता है कि दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलित और टिकाऊ हो. उन्होंने उन गैर-शुल्कीय और नियामक बाधाओं को हटाने पर जोर दिया जो व्यापार को बाधित कर रही हैं.

भारत का फोकस निम्नलिखित क्षेत्रों पर है:

कृषि उत्पाद: भारत की समृद्ध कृषि व्यवस्था रूस के खाद्य बाजार की जरूरतों को पूरा कर सकती है.

फार्मास्युटिकल उद्योग: भारत की जेनेरिक दवाओं की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है और रूस के साथ इस क्षेत्र में साझेदारी भारत के लिए बड़ी संभावना है.

वस्त्र और वस्तु निर्माण: ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत निर्मित वस्त्र और उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा.

इन क्षेत्रों में सहयोग से व्यापारिक असंतुलन को सुधारा जा सकेगा और दोनों देशों के उद्योगों को नया जीवन मिलेगा.

अमेरिका की आपत्तियों को भारत की प्रतिक्रिया

यह बैठक ऐसे समय में हुई जब अमेरिका भारत-रूस के ऊर्जा व्यापार पर अपनी असहमति जाहिर करता रहा है. खासकर रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है. हालांकि भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि उसकी विदेश नीति राष्ट्रीय हितों पर आधारित है, न कि किसी बाहरी दबाव पर.

जयशंकर ने कहा कि भारत अपने ऊर्जा सुरक्षा हितों की अनदेखी नहीं करेगा, और रूस के साथ उसके संबंध किसी तीसरे देश की आपत्तियों के अधीन नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और रूस को मिलकर ऐसे नवीन रास्ते तलाशने होंगे, जो भविष्य के सहयोग को और अधिक मजबूती दें.

टेक्नोलॉजी, साइंस और जॉइंट वेंचर्स: नई साझेदारी

जयशंकर ने रूस के उप प्रधानमंत्री और उद्योग मंत्री डेनिस मंटुरोव से भी मुलाकात की, जिसमें टेक्नोलॉजी, विज्ञान और संयुक्त परियोजनाओं पर विशेष चर्चा हुई. भारत का मानना है कि पारंपरिक रक्षा और ऊर्जा सहयोग से आगे बढ़ते हुए अब दोनों देशों को:

  • उद्योगिकरण में साझेदारी
  • AI, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल इनोवेशन
  • संयुक्त अनुसंधान और विकास परियोजनाएं
  • अंतरिक्ष अनुसंधान और वैज्ञानिक कार्यक्रम

जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को विस्तार देना चाहिए. भारत ने रूस के साथ जॉइंट वेंचर्स को भी बढ़ावा देने की इच्छा जताई है, जिससे दोनों देशों के युवाओं और उद्यमियों को लाभ हो.

आतंकवाद पर स्पष्ट रुख: अप्रत्यक्ष चेतावनी

हालांकि जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका संदेश साफ था. उन्होंने कहा कि भारत और रूस ऐसे किसी भी आतंकी तत्व को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो शांति और नागरिक सुरक्षा को खतरे में डालते हैं. उन्होंने कहा, "आतंकवाद से निपटने के लिए हम मिलकर हरसंभव कदम उठाएंगे."

यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान एक बार फिर सीमापार आतंकवाद और घुसपैठ की गतिविधियों में लिप्त पाया गया है. भारत ने पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे सख्त कदम उठाकर स्पष्ट कर दिया है कि आतंक के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा. अब रूस जैसे शक्तिशाली रणनीतिक सहयोगी का समर्थन इस नीति को और ताकत देता है.

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