दुनिया पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, 15 दिन बाद आ सकती है भयंकर तबाही

दुनिया पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, 15 दिन बाद आ सकती है भयंकर तबाही

दुनिया भर में इन दिनों एक रहस्यमयी भविष्यवाणी सुर्खियों में है. जापान की जानी-मानी ग्राफिक नॉवेलिस्ट और स्वयंभू भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी ने 2025 में एक विनाशकारी प्राकृतिक आपदा की चेतावनी दी है. उनका दावा है कि 5 जुलाई 2025 को जापान सहित एशिया के कुछ हिस्सों में तबाही मच सकती है.   

रियो तात्सुकी ने अपने मंगा (कॉमिक) "द फ्यूचर आई सॉ" के 2021 संस्करण में इस भविष्यवाणी का उल्लेख किया है. उनकी इस पुस्तक में सपनों में दिखी आपदाओं को कलात्मक रूप में पेश किया गया है. बताया गया है कि जुलाई 2025 में जापान के दक्षिणी समुद्र में पानी उबलने लगेगा, जिसके बाद एक ज्वालामुखी विस्फोट होगा और भीषण सुनामी आएगी.

किन क्षेत्रों पर होगा असर?

तात्सुकी की भविष्यवाणी के अनुसार, यह आपदा केवल जापान तक सीमित नहीं होगी. इसका असर जापान के दक्षिणी द्वीप, ताइवान के तटीय क्षेत्र, इंडोनेशिया और फिलीपींस के समुद्री इलाकों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा. इस सुनामी की तुलना 2011 में आई फुकुशिमा आपदा से की जा रही है, और कहा जा रहा है कि यह उससे तीन गुना अधिक खतरनाक हो सकती है.

पहले भी हो चुकी हैं भविष्यवाणियां सच

रियो तात्सुकी की विश्वसनीयता का आधार उनकी 1999 की भविष्यवाणी है, जिसमें उन्होंने मार्च 2011 में जापान में एक "महाआपदा" आने की बात कही थी. वही तारीख बाद में भूकंप, सुनामी और परमाणु दुर्घटना के रूप में सामने आई, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई.

कौन हैं रियो तात्सुकी?

1980 के दशक में रियो तात्सुकी एक सामान्य मांगा कलाकार थीं. लेकिन उन्हें सपनों में आने वाले दृश्यों के माध्यम से भविष्य देखने की क्षमता महसूस हुई. वह सपनों में देखी घटनाओं को नोट करतीं और उन्हें अपनी कॉमिक्स में दर्शातीं. जैसे-जैसे उनकी भविष्यवाणियाँ सच्ची होती गईं, जापान में उन्हें एक रहस्यमयी भविष्यवक्ता के रूप में मान्यता मिलने लगी.

क्या इस बार भी सच साबित होगी चेतावनी?

वैज्ञानिक रूप से इस भविष्यवाणी की पुष्टि भले ही न हुई हो, लेकिन जापान और अन्य एशियाई देशों में इस भविष्यवाणी को लेकर गंभीर चिंता का माहौल है. कई लोग इसे महज कल्पना मानते हैं, तो कुछ इसे आने वाले संकट की चेतावनी के रूप में देख रहे हैं.

अन्य अंतरराष्ट्रीय लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल