ईरान का कोई भी टॉप लीडर नहीं बचेगा, चाहे वो खामेनेई

जनता जनार्दन , Jun 20, 2025, 7:18 am IST
Keywords: ईरान-इज़राइल संघर्ष   इज़राइली वायुसेना   पश्चिमी ईरान  
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ईरान का कोई भी टॉप लीडर नहीं बचेगा, चाहे वो खामेनेई

मध्य-पूर्व में जारी ईरान-इज़राइल संघर्ष ने एक नए और बेहद संवेदनशील मोड़ ले लिया है. गुरुवार को इज़राइली वायुसेना ने ईरान के अराक क्षेत्र में स्थित एक निष्क्रिय परमाणु संयंत्र पर बड़ा हवाई हमला किया. इस अभियान में 40 लड़ाकू विमानों को तैनात किया गया, जिसे अब तक की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाइयों में से एक माना जा रहा है.

ईरानी प्रतिक्रिया और बढ़ती जनहानि

इस हमले के जवाब में ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों से इज़राइल के कई शहरों को निशाना बनाया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से कुछ मिसाइलें तेल अवीव और बीरशेवा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों तक पहुंचीं. बीरशेवा स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर पर हमले में कम से कम 25 लोगों की जान गई, जबकि 50 से अधिक घायल हुए हैं.

मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, दोनों देशों की जवाबी कार्रवाई में अब तक 639 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,329 से अधिक घायल हुए हैं. इनमें बड़ी संख्या आम नागरिकों की है.

नेतन्याहू का खामेनेई को खुला संदेश

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे “तेहरान के तानाशाहों की कायरतापूर्ण कार्रवाई” बताया और कहा कि “ईरान को इसकी पूरी कीमत चुकानी होगी.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान का कोई भी शीर्ष नेता इज़राइली जवाबी हमले से अछूता नहीं रहेगा, चाहे वह सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ही क्यों न हों.

रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री ने मिलकर सेना को ईरान के रणनीतिक और सरकारी ठिकानों पर हमले और तेज करने का आदेश दे दिया है. उनके अनुसार, इन कार्रवाइयों का उद्देश्य खामेनेई के शासन ढांचे को कमजोर करना है.

पश्चिमी ईरान में मिसाइल ढांचे पर हमला

इज़राइली सेना ने दावा किया है कि उसने पश्चिमी ईरान में बैलिस्टिक मिसाइल लांचर और संबंधित सैन्य ढांचे को निशाना बनाया है. एक अधिकारी के अनुसार, इन हमलों में ईरान के दो-तिहाई लॉन्चर नष्ट किए जा चुके हैं. अभी भी ईरान के पास करीब 100 लॉन्चर शेष होने का अनुमान है, लेकिन इज़राइल अब उनकी फायरिंग क्षमता को सीमित करने पर केंद्रित है.

गिरफ्तारियां और सोशल मीडिया निगरानी

इस बीच, ईरान के आंतरिक सुरक्षा तंत्र ने कथित तौर पर इज़राइल के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट करने के आरोप में 160 नागरिकों को हिरासत में लिया है. यज़्द और केरमान प्रांतों से कई गिरफ्तारियों की पुष्टि स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई है. मानवाधिकार संगठनों ने इन गिरफ्तारियों पर चिंता जताई है.

भारत सहित कई देशों की निकासी प्रक्रिया शुरू

भारत सरकार ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अपने नागरिकों को ईरान और इज़राइल से बाहर निकालना शुरू कर दिया है. ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अब तक करीब 100 भारतीय छात्र सुरक्षित दिल्ली पहुंच चुके हैं, लेकिन सैकड़ों भारतीय शिया तीर्थयात्री अब भी ईरान में फंसे हुए हैं.

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