पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को कोरोना से लड़ने के लिए अहम सुझाव दिए
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 19, 2021, 11:55 am IST
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नई दिल्लीः देश में कोरोना वायरस संक्रमण इन दिनों बेहद तेजी से फैल रहा है. दिनोंदिन रिकॉर्ड संख्या में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी देश में खराब हो रहे कोरोना महामारी के हालात पर चिंता जाहिर की है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए अहम सुझाव दिए हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में कोविड-19 के हालात पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को पत्र लिखा और इस बात पर जोर दिया है कि महामारी से मुकाबले के लिए टीकाकरण को बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि केवल कुल संख्या को नहीं देखना चाहिए बल्कि कितने प्रतिशत आबादी को टीका लग चुका है, इसे देखा जाना चाहिए. सिंह ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण बढ़ाने के प्रयास अहम होने चाहिए. हमें यह देखने में दिलचस्पी नहीं रखनी चाहिए कि कितने लोगों को टीका लग चुका है, बल्कि कितने प्रतिशत आबादी को टीका लग चुका है, इसे देखा जाना चहिये. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अभी केवल आबादी के छोटे से हिस्से का ही टीकाकरण हुआ है. उन्होंने विश्वास जताया कि सही नीति के साथ हम इस दिशा में बेहतर तरीके से और बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमें महामारी से लड़ने के लिए बहुत सी चीजें करनी होंगी, लेकिन इस प्रयास का बड़ा हिस्सा टीकाकरण कार्यक्रम को मजबूत करना होना चाहिए.’’ सिंह ने अपने पत्र में अनेक सुझाव दिये, और कहा कि वह सकारात्मक सहयोग की भावना से ये सुझाव दे रहे हैं, जिनमें वह हमेशा से भरोसा करते आये हैं. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को अगले छह महीने के टीकों की खुराक के ऑर्डर और आपूर्ति के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि राज्यों को टीकों की आपूर्ति कैसे की जानी है. पीएम मोदी को लिखे पत्र में डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए कि उसकी ओर से किस वैक्सीन निर्माता कंपनी को अगले 6 महीनों के लिए कितने वैक्सीन डोज के ऑर्डर दिए गए हैं. उनका कहना है कि अगर हम इस 6 महीने के समय में तय संख्या में लोगों को टीका लगाएंगे तो हमें इसके लिए डोज के पर्याप्त ऑर्डर देने की आवश्यकता है. ताकि समय पर ये हमें उपलब्ध हो सकें. उन्होंने कहा है कि सरकार को राज्यों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणियों को तय करने की छूट दी जाए. जिससे कि जरूरी सेवाओं में लगे उन फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीका लग सके जो 45 वर्ष से कम हों और जिन्हें राज्य सरकारों ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखा हो. मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता देश के रूप में उभरा है. यह सराहनीय है. सरकार को वैक्सीन निर्माता कंपनियों को जरूरी फंड और अन्य मदद मुहैया कराई जानी चाहिए ताकि वैक्सीन को उत्पादन बड़ी संख्या में होता रहे. उन्होंने कहा है कि इस समय कानून में जरूरी लाइसेंसिंग प्रावधान लाने चाहिए ताकि अधिक से अधिक कंपनियां लाइसेंस के तहत वैक्सीन उत्पादन कर सकें. मनमोहन सिंह ने आखिरी सुझाव में कहा है कि देश में अभी वैक्सीन सप्लाई सीमित है. ऐसे में विश्व की कोई भी विश्वसनीय अथॉरिटी की ओर से अगर किसी वैक्सीन को हरी झंडी दी जाती है तो हमें भी उसे आयात करना चाहिए. हम ऐसा भारत में बिना उसके ट्रायल के कर सकते हैं. इस समय भारत में आपातकाल है. इमरजेंसी में उसके इस्तेमाल के समय ही देश में साथ ही साथ उसका ट्रायल भी किया जा सकता है. |
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