कौन हैं फल बेचने वालीं मोहिनी गौड़ा,पीएम मोदी से मुलाकात की ?

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 29, 2024, 16:47 pm IST
Keywords: Who is Fruit Seller Mohini Gowda   पीएम मोदी   हैलीपैड   पीएम मोदी   सोशल मीडिया   Mohini Gowda  
फ़ॉन्ट साइज :
कौन हैं फल बेचने वालीं मोहिनी गौड़ा,पीएम मोदी से मुलाकात की ? पीएम मोदी आज कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. रैली को संबोधित करने से पहले उन्होंने हैलीपैड पर मोहिनी गौड़ा से मुलाकात की. मोहिना गौड़ा कर्नाटक के अंकोला की रहने वाली हैं और सब्जी बेचकर अपने परिवार का पेट पालती हैं. वे पीएम मोदी का भाषण सुनने के लिए खासतौर से सिरसी पहुंची थीं. पीएम मोदी से मुलाकात की उनकी फोटो एकदम से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. 

रिपोर्ट के मुताबिक मोहिनी गौड़ा अपनी मेहनत और स्वच्छता अभियान को अपने जीवन का हिस्सा बना देने के लिए चर्चित हैं. वे अंकोला के बस स्टैंड पर पत्तों में रखकर फल बेचते हैं. कूड़े को इकट्ठा करने के लिए अपनी छोटी सी दुकान के पास डस्टबिन भी रखा हुआ है. काफी लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हुए फल खाने के बाद बचे पत्ते को डस्टबिन में डालते हैं. लेकिन कुछेक कस्टमर ऐसे भी आ जाते हैं, जो फल खाने के बाद पत्ते को इधर- उधर फेंककर चल पड़ते हैं.

ऐसे में मोहिनी गौड़ा बिना उनसे कोई बहस किए उन पत्तों को उठाकर डस्टबिन में डाल देती हैं. उनका यही सौम्य व्यवहार लोगों में चर्चा का विषय बन गया. पीएम मोदी जब अपनी जनसभा को संबोधित करने के लिए उत्तरी कन्नड़ जिले में पहुंचे तो उन्होंने मोहिनी गौड़ा से मुलाकात की इच्छा व्यक्त की. उनकी इस इच्छा को मोहिनी गौड़ा तक पहुंचाया गया, जिसके बाद वे अंकोला से सिरसी पहुंची. जहां हैलीपैड पर पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उनके व्यवहार और सफाई के प्रति समर्पण की सराहना की. 

इस दौरान पीएम मोदी ने पद्म श्री से सम्मानित तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मगौड़ा से भी मुलाकात की. उन्होंने दोनों विभूतियों से मिलकर उनका आशीर्वाद भी लिया. पीएम से मुलाकात के बाद तुलसी गौड़ा ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी प्रचार करने के लिए दिल्ली से अंकोला आए थे. यहां पर उन लोगों ने हमसे मुलाकात की और आशीर्वाद मांगा. हमने उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया. इस मुलाकात से परिवार के लोगों समेत सभी बहुत खुश हैं.
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल