Chandauli News: सैयदराजा की रामलीला में राम सुग्रीव मित्रता देख भक्त हुए निहाल
नगर पंचायत सैयदराजामें चल रही रामलीला में राम सुग्रीव मित्रता, बालि, बध और सीता खोज जैसे प्रमुख प्रसंग का मंचन किया गया। सर्वप्रथम शबरी श्रीराम लक्ष्मण को ऋषिमुख पर्वत पर रहने वाले सुग्रीव से मिलने का सुझाव देती है तथा कहती है कि वह आपके इस कार्य में अवश्य मदद करेंगे। तब वह किष्किंधा पर्वत की ओर जाते हैं । तो खोज में विलाप करते राम लक्ष्मण की सुग्रीव के मंत्री महाबली हनुमान से भेंट हुई । हनुमान ने भगवान राम की सुग्रीव से मित्रता कराई । राम लक्ष्मण ने सुग्रीव को अपने पीड़ा और सुग्रीव ने श्रीराम लक्ष्मण को अपनी पीड़ा बताई । सुग्रीव ने श्रीराम को आकाश मार्ग से गुजरती सीता के आभूषण दिखाएं । जिसे देखते ही श्रीराम जी पहचान लेते हैं । श्रीराम ने मित्र धर्म निभाते हुए सुग्रीव को बालि से द्वंद युद्ध के लिए पंपापुर भेजा । एक बार तो सुग्रीव और बालि के द्वंद युद्ध में सुग्रीव बुरी मार खाकर आ गया और भगवान राम से बालि का बध नहीं करने का कारण पूछा इस पर श्री राम ने समरूप दिखाने पर अपनी माला पहनाई और दोबारा सुग्रीव को बालि से युद्ध करने के लिए भेजा । इसके बाद भगवान राम ने पेड़ की ओट से एक बार में ही बालि का बध कर दिया । बालि ने भगवान राम से कहता है कि आपने मुझे क्यों मारा " धर्म हेतु अवतरेहुं गोसाईं । मारेहु मोहि ब्याध की नाई।। मैं बैरी सुग्रीव प्यारा। अवगुण कवन नाथ मोहि मारा।।" तब भगवान श्रीराम जी कहते हैं " अनुज बधू भगिनी सुत नारी। सठ कन्या सम ए चारी ।। इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई । ताहि बधे कछु पाप न होई।।" सुग्रीव और बाकली का ओजपूर्ण संवाद दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा । जब भगवान राम बालि से पूछते हैं कि तुम्हारी अंतिम इच्छा क्या है तो वह कहता है कि आप मेरे पुत्र अंगद को अपनी शरण में ले लें और मेरे भाई का और मेरी पत्नी का भी ख्याल रखें । आगे के मंचन में दिखाया गया कि सुग्रीव हनुमान को और पूरी वानर सेना को सीता को खोजने के लिए चारों दिशाओं में भेज देते हैं। सीता की खोज करते-करते हनुमान दक्षिण दिशा में समुद्र के किनारे पहुंचते हैं । जहां पर जटायु के भाई संपाती से मुलाकात होती है और गिद्धराज संपाती ने हनुमान को बताते हैं कि सीता जी लंका की अशोक वाटिका में है ।
इस अवसर पर श्रीरामलीला समिति शिवानगर के पदाधिकारीगण सहित पूर्व चेयरमैन मदन कुशवाहा, सतनाम सिंह, परमेश्वर मोदनवाल, संजय कश्यप,श्रीप्रभा प्रतिष्ठान के काके सरदार ,जगदीश मास्टर, कमला जायसवाल, विजयी केशरी, अवधेश चौहान, सच्चिदानंद अग्रहरि, मनोज अग्रहरि, लक्ष्मण मास्टर, अरविंद वर्मा,अरविंद तिवारी, रणविजय सिंह, चंद्रभान वर्मा,मुन्ना जायसवाल,देवेन्द्र जालान,हेमन्त केशरी, रत्नेस चौरसिया,गौरीशंकर यादव सहित सैकड़ो श्रद्धालुजन उपस्थित रहे ।