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ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुआ भारी नुकसान, IAF चीफ ने किए बड़े खुलासे
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 03, 2025, 18:09 pm IST
Keywords: एयर चीफ मार्शल एपी सिंह Air Chief Marshal OprATION sINDOOR Exclusive IAF चीफ
![]() नई दिल्ली: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया. भारतीय सेना की इस निर्णायक कार्रवाई ने पाकिस्तान को भारी क्षति पहुंचाई और भारत की सैन्य शक्ति का दुनिया के सामने परचम लहरा दिया. उद्देश्य स्पष्ट, कार्रवाई सटीक एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य स्पष्ट था — आतंकवाद के खिलाफ कड़ा प्रहार करना. इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद ही संघर्ष को समाप्त किया गया. यह कार्रवाई पूरी तरह रणनीतिक और सटीक थी, जिससे ज्यादा नुकसान किए बिना लक्ष्य पूरा किया गया. पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों का विध्वंस भारतीय वायुसेना के प्रमुख अमर प्रीत सिंह ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने 10 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को नष्ट किया, जिनमें से पांच हवा में ही मार गिराए गए. इसमें F-16 और JF-17 जैसे उन्नत विमान शामिल थे. यह सफलता भारतीय वायुसेना की ताकत और तकनीकी कुशलता को दर्शाती है. आतंकियों के ठिकानों पर भारी चोट इस ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें तहस-नहस किया गया. इसके अलावा, पाकिस्तान के दो कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, दो रनवे और तीन हैंगर भी ध्वस्त कर दिए गए. लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से इस अभियान को अंजाम दिया गया, जो सैन्य रणनीति में एक बड़ी उपलब्धि है. तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का बड़ा कारण भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल था. भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तीनों सेनाएं मिलकर नई वायु रक्षा प्रणाली पर काम भी कर रही हैं. युद्धविराम के पीछे ट्रंप का नहीं वायुसेना प्रमुख ने साफ किया कि भारत ने युद्धविराम का फैसला ट्रंप के कहने पर नहीं, बल्कि इस्लामाबाद से मिले शांति प्रस्ताव के बाद किया. कई बार ट्रंप ने युद्धविराम का श्रेय लेने की कोशिश की, लेकिन असलियत अलग है. ऑपरेशन की समय सीमा और युद्धविराम 22 अप्रैल के हमले के बाद 6-7 मई की रात को यह ऑपरेशन शुरू हुआ और करीब 100 घंटे तक चला. पाकिस्तान ने अंततः 10 मई को युद्धविराम की मांग की, जिसके बाद दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई. इतिहास में ऑपरेशन सिंदूर की खास जगह 1971 के युद्ध के बाद यह भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान पर किया गया सबसे बड़ा हवाई हमला माना जाता है. यह अभियान अपने स्पष्ट उद्देश्य और कुशल निष्पादन के कारण इतिहास में दर्ज हो गया है. |
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