जयशंकर ने बता दी मुनीर की औकात; क्वाड बैठक में तार-तार हुआ आतंकिस्तान

जनता जनार्दन , Jul 02, 2025, 10:31 am IST
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जयशंकर ने बता दी मुनीर की औकात; क्वाड बैठक में तार-तार हुआ आतंकिस्तान

पाकिस्तान शायद अभी भी पुराने भारत की सोच में उलझा हुआ है. उसे लग रहा था कि पहलगाम में आतंकी हमला करवाकर वह फिर बच निकलेगा. उसे लगा कि उसके भेजे हुए आतंकी यूं ही मौज-मस्ती करते रहेंगे और भारत सिर्फ बयानबाज़ी करता रहेगा. मगर पाकिस्तान ने एक बार फिर नए भारत की ताकत को गलत समझ लिया.

जिस भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक से साफ कर दिया था कि अब हमला हुआ तो घर में घुसकर जवाब मिलेगा, उस भारत को पाकिस्तान ने फिर से ललकारने की भूल कर दी. इस बार भारत का जवाब आया ऑपरेशन सिंदूर के रूप में — एक ऐसा जवाब जिसने पाकिस्तान को बुरी तरह हिला कर रख दिया.

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान के लिए बुरा सपना

पाकिस्तान को जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर की भनक लगी, वहां के सत्ता गलियारों में खलबली मच गई. पाकिस्तान समझ गया कि अब मामला उसके हाथ से निकल चुका है. बौखलाहट में पाकिस्तान ने अमेरिका का रुख किया. पाक सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस तक जा पहुंचे. मुनीर ने वहां डिनर डिप्लोमेसी की कोशिश की, ट्रंप के साथ हलाल लंच भी कर लिया. उन्हें लगा कि अमेरिका अब उनके साथ खड़ा हो जाएगा. लेकिन वो शायद भारत की कूटनीतिक ताकत और एस. जयशंकर के अनुभव को समझ नहीं पाए.

एस. जयशंकर ने अमेरिका से ही बदल दिया खेल

जिस वक्त पाकिस्तान अमेरिकी नेताओं से अपनी पीठ थपथपाने में लगा था, ठीक उसी वक्त भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अमेरिका में क्वाड देशों की बैठक में मौजूद थे. क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. इस बैठक में आतंकवाद पर बड़ा फैसला हुआ.

क्वाड देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें उन्होंने सीमा पार आतंकवाद की निंदा की. खास बात यह रही कि बयान में सीधे तौर पर पहलगाम अटैक का ज़िक्र किया गया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी. क्वाड ने साफ कहा कि इस हमले के दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा मिलनी चाहिए और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे आतंकियों को पकड़ने में सहयोग करें.

पाकिस्तान की ‘लंच डिप्लोमेसी’ को करारा झटका

पाकिस्तान को यह उम्मीद नहीं थी कि क्वाड के इस मंच से उसके खिलाफ इतना बड़ा संदेश जाएगा. पाकिस्तान को लगा था कि अमेरिका उसके पक्ष में झुक जाएगा, मगर जयशंकर ने अमेरिकी धरती से ही पाकिस्तान की लंच डिप्लोमेसी की हवा निकाल दी.

जहां आसिम मुनीर व्हाइट हाउस में हलाल खाने का लुत्फ उठा रहे थे, वहीं भारत ने अपने कूटनीतिक कौशल से क्वाड को इस स्तर तक ले आया कि पहलगाम जैसे हमले को वैश्विक मंच पर उठा दिया गया. जयशंकर ने यह साबित कर दिया कि भारत सिर्फ जमीनी लड़ाई नहीं लड़ता, वह कूटनीति के मैदान में भी अपने दुश्मनों को घुटनों पर ला सकता है.

क्वाड का साफ संदेश

क्वाड के बयान में न सिर्फ आतंकवाद की निंदा की गई, बल्कि यह भी कहा गया कि आतंकवादियों, उनके समर्थकों और फाइनेंसरों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाना जरूरी है. भारत ने इस बयान के जरिए साफ कर दिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भारत के साथ खड़ी है.

पाकिस्तान को समझ आ गया, अब पुराना भारत नहीं

यह पूरी घटना पाकिस्तान के लिए आंखें खोलने वाली है. वह जिस अमेरिका की गोद में बैठकर भारत को घेरने का सपना देख रहा था, उसी अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान की लंच डिप्लोमेसी पर पानी फेर दिया. पाकिस्तान को अब समझ आ गया होगा कि भारत की ताकत सिर्फ मिसाइलों में नहीं, बल्कि उसकी कूटनीति में भी है.

नया भारत, नई जवाबदेही

नया भारत अब केवल हमले के बाद चुप बैठने वाला देश नहीं है. भारत अब हर हमले का जवाब देता है — कभी सीमा पार कार्रवाई से, तो कभी कूटनीतिक प्रहार से. ऑपरेशन सिंदूर इसका ताजा उदाहरण है. पाकिस्तान ने पहलगाम में हमला करवाकर जो भूल की थी, उसका ऐसा जवाब मिला कि अब वह फिर से अमेरिका दौड़ता नज़र आया.

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