पाकिस्तान ने 3 दिन में दूसरा मिसाइल टेस्ट किया, भारत को उकसाने पर तुला है आतंकिस्तान

जनता जनार्दन संवाददाता , May 05, 2025, 15:02 pm IST
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पाकिस्तान ने 3 दिन में दूसरा मिसाइल टेस्ट किया, भारत को उकसाने पर तुला है आतंकिस्तान

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले ही उबाल पर है—चाहे वह कश्मीर घाटी में बढ़ते आतंकी हमले हों या सीमाओं पर सीजफायर उल्लंघन. लेकिन, इस तनाव की आंच में घी डालने का काम एक बार फिर पाकिस्तान ने किया है. सोमवार को पाकिस्तान ने अपनी ‘फतह-I’ नाम की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया, और इसे बड़ी सैन्य उपलब्धि बताने की कोशिश की. लेकिन, हकीकत इससे कहीं अलग है—क्योंकि यह मिसाइल पाकिस्तान की कमजोरी और सैन्य विवशता का आइना भर है.

पाकिस्तान की 'फतह', असल में नाकामी का प्रतीक

पाकिस्तान की सेना के जनसंपर्क विभाग ISPR (Inter Services Public Relations) ने दावा किया कि यह परीक्षण ‘इंडस एक्सरसाइज’ का हिस्सा है, और देश की डिफेंस तैयारी को दर्शाता है. लेकिन, जिस मिसाइल का टेस्ट किया गया, उसकी मारक क्षमता सिर्फ 120 किलोमीटर है. इसे ही पाकिस्तान ने अपने सैन्य ताकत का प्रतीक बना दिया? यह वैसा ही है जैसे कोई तीरंदाज युद्ध के मैदान में गुलेल लेकर आ जाए.

जब भारत के पास प्रलय (150-500 किमी रेंज), पृथ्वी-II (350 किमी), शौर्य (750 किमी), और अग्नि सीरीज़ (700 किमी से 5000 किमी तक की रेंज) जैसी आधुनिक और उच्च-सटीकता वाली मिसाइलें हों, तब पाकिस्तान की 120 किमी रेंज वाली मिसाइल ‘फतह-I’ एक मज़ाक़ से कम नहीं लगती.

तकनीक से ज्यादा ‘प्रोपेगेंडा’ पर फोकस

फतह-I मिसाइल पाकिस्तान की घरेलू मिलिट्री इंडस्ट्री का हिस्सा है और चीन से मिली तकनीक पर आधारित बताई जाती है. हालांकि इसकी सटीकता और विश्वसनीयता को लेकर अब तक कई सैन्य विश्लेषक सवाल खड़े कर चुके हैं. मिसाइल टेस्ट के वीडियो और तस्वीरों में जो दिखाया गया, वो महज एक ‘प्रोपेगेंडा फुटेज’ था—ना कोई टारगेट डिटेल, ना इम्पैक्ट एनालिसिस, और ना ही वास्तविक ऑपरेशनल वेलिडेशन.

यह साबित करता है कि पाकिस्तान का उद्देश्य सिर्फ अपने घरेलू दर्शकों और अंतरराष्ट्रीय मंच पर ‘ताकत’ का भ्रम रचने का है, जबकि जमीनी सच्चाई बिल्कुल कमजोर है.

भारत की नजर में—न डर, न चिंता

भारत इस वक्त हर मोर्चे पर अलर्ट है. चाहे जम्मू-कश्मीर हो या पंजाब सीमा, या फिर अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक मंच—भारत ने सैन्य और रणनीतिक स्तर पर पाकिस्तान की हर हरकत को ट्रैक किया है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के इस मिसाइल टेस्ट से भारत की रणनीति या सैन्य संतुलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

विशेषज्ञ मानते हैं कि 120 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल का सैन्य महत्व केवल सीमित ऑपरेशनों तक ही सिमटा होता है, और वह भी तब जब इसका लॉन्च सफल हो और सटीकता भरोसेमंद हो. भारत जैसे देश के लिए, जिसके पास सुपरसोनिक ब्रह्मोस और सैटेलाइट-गाइडेड सिस्टम्स हैं, यह ‘फतह-I’ केवल गुब्बारे की तरह फूलकर फटने वाली धमकी है.

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