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ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन मिलकर बनाएंगे रूस के साथ युद्ध रोकने की रणनीति
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Mar 02, 2025, 17:14 pm IST
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![]() रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन ने संयुक्त रूप से एक शांति योजना तैयार करने का निर्णय लिया है. इस योजना को अमेरिका के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि युद्ध को रोकने के लिए वैश्विक समर्थन प्राप्त किया जा सके. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के ब्रिटेन दौरे के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस पहल की घोषणा की. लंदन में आयोजित यूरोपीय रक्षा सम्मेलन में कई देशों के शीर्ष नेता शामिल होंगे, जहां इस योजना पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. अमेरिका की भूमिका और ट्रम्प की सुरक्षा गारंटी स्टार्मर ने कहा कि व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से हुई जेलेंस्की की बातचीत के बाद इस योजना की रूपरेखा तय की गई. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ट्रम्प यूक्रेन में स्थायी शांति स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन यह पहल तभी सफल होगी जब अमेरिका इसे सुरक्षा गारंटी प्रदान करेगा. ब्रिटेन ने जताया यूक्रेन के प्रति समर्थन ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने जेलेंस्की के ब्रिटेन आगमन पर गर्मजोशी से स्वागत किया. लंदन की सड़कों पर हजारों लोगों ने नारों और तिरंगे झंडों के साथ जेलेंस्की का अभिनंदन किया. स्टार्मर ने कहा, "यूक्रेन को पूरा ब्रिटेन समर्थन दे रहा है. हम यूक्रेन के साथ मजबूती से खड़े हैं, चाहे इसमें कितना भी समय लगे." जेलेंस्की ने ब्रिटिश जनता और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. यूरोपीय देशों की बैठक और आर्थिक सहयोग लंदन में आयोजित सम्मेलन में फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, इटली समेत 13 यूरोपीय देश भाग लेंगे. इसके अलावा नाटो महासचिव और यूरोपीय संघ व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष भी इस बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए ठोस रणनीति तैयार करना है. ब्रिटेन ने यूक्रेन को 24,000 करोड़ रुपये (लगभग 2.9 बिलियन डॉलर) का लोन प्रदान किया है, जिससे यूक्रेन अपनी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा कर सके. यह लोन G7 देशों की 'एक्स्ट्रा-ऑर्डिनरी रेवन्यू एक्सीलरेशन (ERA)' पहल के तहत दिया गया है. इससे यूक्रेन को आवश्यक सैन्य उपकरण और हथियार खरीदने में सहायता मिलेगी. यूरोपीय संघ में मतभेद हालांकि, यूक्रेन को समर्थन देने के मुद्दे पर यूरोपीय संघ (EU) के अंदर ही असहमति देखने को मिल रही है. स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको ने स्पष्ट कर दिया कि उनका देश यूक्रेन को आर्थिक या सैन्य सहायता प्रदान नहीं करेगा. उनका मानना है कि यूक्रेन सैन्य ताकत के बल पर रूस को बातचीत के लिए मजबूर नहीं कर सकता. इसी तरह, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान भी यूक्रेन को समर्थन देने के बजाय अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का पक्ष ले रहे हैं. उन्होंने ट्रम्प को मजबूत और जेलेंस्की को कमजोर करार दिया. व्हाइट हाउस में ट्रम्प और जेलेंस्की की बहस हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच हुई बातचीत में तीखी बहस देखने को मिली. ट्रम्प ने जेलेंस्की को फटकार लगाते हुए कहा कि वे 'तीसरे विश्वयुद्ध का जोखिम उठा रहे हैं.' जवाब में जेलेंस्की ने कहा कि यह युद्ध सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य में इसका असर अमेरिका पर भी पड़ सकता है. इस पर ट्रम्प भड़क उठे और कहा, "हमें यह मत सिखाइए कि हमें क्या महसूस करना चाहिए." यूक्रेन के समर्थन में कई यूरोपीय देश हालांकि, यूरोप के कई देश यूक्रेन के समर्थन में मजबूती से खड़े हैं. नॉर्वे, नीदरलैंड, पोलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों के साथ-साथ कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी जेलेंस्की को अपना समर्थन दिया है. |
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