चीन से कंपनियां भारत बुलाने के लिए मोदी सरकार ने बनाया 1.2 ट्रिलियन डॉलर का मास्टरप्लान

जनता जनार्दन संवाददाता , Oct 03, 2022, 13:53 pm IST
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चीन से कंपनियां भारत बुलाने के लिए मोदी सरकार ने बनाया 1.2 ट्रिलियन डॉलर का मास्टरप्लान

भारत में करीब आधे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लंबित हैं और चार में से एक ओवरबजट हो चुका है. पीएम नरेंद्र मोदी का मानना है कि टेक्नोलॉजी ही इन बारहमासी समस्याओं का हल है.  ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 100 ट्रिलियन रुपये वाले मेगा प्रोजेक्ट पीएम गति शक्ति के तहत मोदी सरकार एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बना रही है, जिसमें 16 मंत्रालय होंगे. इस पोर्टल पर इन्वेस्टर्स और कंपनियों को हर चीज का हल जैसे प्रोजेक्ट के डिजाइन, बिना झंझट अप्रूवल और आसान अनुमानित कीमत मिलेगी. 

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में लॉजिस्टिक्स के स्पेशल सेक्रेटरी अमृत लाल मीणा ने कहा, 'इस मिशन का मकसद बिना देरी और बजट के बाहर जाए प्रोजेक्ट्स को लागू करना है.वैश्विक कंपनियां भारत को अपने मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के तौर पर चुनें, यही मकसद है.'

 चीन से कर पाएंगे मुकाबला

फास्ट ट्रैक प्रोजेक्ट से भारत को चीन पर बढ़त मिलेगी और वह दूसरे देशों और कंपनियों के ज्यादा करीब भी है और चाइना प्लस-वन पॉलिसी को अपना रहा है ताकि दूसरे देश भारत में आकर निवेश करें, बिजनेस फैलाएं और सप्लाई चेन भी बढ़े. भारत एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत के पास न सिर्फ सस्ता लेबर बल्कि अंग्रेजी में बात करने वाले वर्कर्स भी हैं. लेकिन खराब बुनियादी ढांचे की वजह से निवेशक अब भी दूरी बनाए रहते हैं.

किर्नी इंडिया में पार्टनर अंशुमन सिन्हा ने ब्लूमबर्ग से कहा, 'राजनीतिक जरूरतों के अलावा चीन के साथ मुकाबला करने का एकमात्र तरीका है कि आपको लागत पर उतना ही प्रतिस्पर्धी होना होगा, जितना आप हो सकते हैं. गति शक्ति योजना से देशभर में सामान और उत्पादित चीजों की आवाजाही तेज होगी.'

लाल फीताशाही से निकलना जरूरी

 

भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में देरी के लिए लाल फीताशाही के जंजाल से निकलना जरूरी है और इसका समाधान टेक्नोलॉजी ही है. मीणा के मुताबिक, गति शक्ति पोर्टल पर 1300 प्रोजेक्ट्स में से 40 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण, जंगल और पर्यावरण मंजूरी, ज्यादा बजट के कारण देरी से चल रहे हैं. 422 प्रोजेक्ट्स में कुछ परेशानियां हैं और पोर्टल के जरिए उनमें से 200 की समस्याएं सुलझाई गईं.

देरी से चल रहे प्रोजेक्ट्स बने सिरदर्द

गति शक्ति योजना के तहत सरकार ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि नई बनी सड़कों को दोबारा से गैस पाइपलाइन, फोन केबल्स डालने के लिए फिर से ना खोदा जाए. हालांकि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की वेबसाइट देरी और ओवरबजट चल रहे प्रोजेक्ट की तस्वीर पेश करती है. कोरोना के बाद ये प्रोजेक्ट देश की इकोनॉमिक रिकवरी के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. मई में भारत में कुल 1568 प्रोजेक्ट्स थे, जिसमें से 721 देरी से चल रहे थे और 423 अपनी तय कीमत से ज्यादा.  2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है ताकि नई नौकरियां पैदा हों. इसमें कुछ कामयाबी भी मिली है. 

अब एप्पल ने आईफोन 14 का उत्पादन भारत में करने का फैसला किया है. जबकि सैमसंग ने दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फोन फैक्टरी साल 2018 में यहां खोली थी. ओला इलेक्ट्रिक ने दुनिया की सबसले बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर फैक्टरी खोलने का संकल्प लिया है.  

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