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क्या पशु अधिकार कार्यकर्ता रेबीज के शिकार बच्चों को वापस ला पाएंगे? आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
जनता जनार्दन डेस्क ,
Aug 12, 2025, 9:44 am IST
Keywords: Stray Dogs PETA Supreme Court RWA Animal activist Delhi NCR Animal Birth Control Rules Resident Welfare Associates सुप्रीम कोर्ट आवारा कुत्ते डाग शेल्टर कुत्तों का आतंक
![]() कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस काम में बाधा पैदा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी इलाकों को आवारा कुत्तों से मुक्त किया जाना चाहिए और इसमें कोई समझौता नहीं होना चाहिए. पशु और कुत्ता प्रेमियों पर कड़ा प्रहार करते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या पशु अधिकार कार्यकर्ता रेबीज के शिकार बच्चों को वापस ला पाएंगे. कोर्ट ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और एनडीएमसी को आठ सप्ताह में कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने और इसके बुनियादी ढांचे की रिपोर्ट देने को कहा है. कहा है कि पकड़े गए आवारा कुत्तों का दैनिक रिकार्ड रखा जाएगा. एक भी आवारा कुत्ता नहीं छोड़ा जाना चाहिए. कुत्ता काटने की सूचना देने के लिए एक सप्ताह के भीतर हेल्पलाइन बनाई जाए. कोर्ट ने कुत्तों के काटने से होने वाले रैबीज पर चिंता जताते हुए इससे बचाव के वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में भी निर्देश दिये हैं. ये आदेश न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने आवारा कुत्तों के आतंक पर सुनवाई के दौरान दिए. कोर्ट ने स्थिति को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि वे इस मामले में किसी भी हस्तक्षेप अर्जी पर विचार नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों के काटने से रैबीज होने के मामले में मीडिया में आयी खबर पर पिछले दिनों स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी. कोर्ट ने वरिष्ठ वकील गौरव अग्रवाल को मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया था. सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आवारा कुत्तों के आतंक से निपटने के लिए कुछ किये जाने की जरूरत है. हम अपने बच्चों की बलि सिर्फ इसलिए नहीं दे सकते कि कुछ लोग स्वयं को पशु प्रेमी समझते हैं.कोर्ट ने कहा कि ये सभी पशु कार्यकर्ता, तथाकथित पशु प्रेमी क्या उन सभी बच्चों को वापस ला पाएंगे जो रैबीज के शिकार हो गए हैं. क्या वे उन बच्चों को फिर से जीवन दे पाएंगे. कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है. एक भी आवारा कुत्ता घूमता हुआ नहीं दिखना चाहिए. तुषार मेहता ने कहा कि नसबंदी से प्रजनन दर को रोका जा सकता है लेकिन इससे कुत्तों में रैबीज फैलाने की क्षमता खत्म नहीं होती. रैबीज का कोई इलाज नहीं है, उन्होंने यूट्यूब वीडियो में बच्चों को मरते और माता-पिता को असहाय रोते देखा है, क्योंकि डाक्टर भी कहते हैं कि इसका इलाज नहीं है. कोर्ट ने कहा कि वह व्यापक जनहित को ध्यान में रखकर यह सुनवाई कर रहे हैं. कोर्ट ने इस पर ध्यान दिया कि कैसे छोटे बच्चे और बुजुर्ग कुत्तों के काटने का शिकार हो रहे हैं. कोर्ट ने सड़कों, सभी संवेदनशील स्थानों से आवारा कुत्ते हटाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे बच्चों को साइकिल चलाते और खेलते समय तथा बुजुर्गों को सैर करते समय सुरक्षित महसूस होगा. मेहता ने कोर्ट को बताया कि एमसीडी ने पहले आवारा कुत्तों को स्थानांतरित करने के लिए एक जगह चिन्हित की थी लेकिन कुछ पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रोक लगवा ली. कोर्ट ने सोमवार को इस संबंध में कई निर्देश जारी किये और आवारा कुत्तों को हटाने के काम में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी. कोर्ट ने राज्य और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाए जाएं वहां कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए पर्याप्त कर्मचारी मौजूद हों. इन डाग शेल्टर की सीसीटीवी से निगरानी होगी. |
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