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चकिया विधानसभा सीट को कौन करेगा चकाचक, चुनाव समीक्षा
अमिय पाण्डेय ,
Feb 25, 2017, 16:56 pm IST
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![]() राजनीति में जाति हावी हुई तो विकास रुक गया. चकिया ही क्या समूचा चन्दौली जिला बेहद पिछड़ा है. यह विधान सभा क्षेत्र फिलहाल सुरक्षित सीट है. इस विधानसभा में चुनावी मुद्दों की बात करें तो इस नक्सल प्रभावित इलाके में बिजली, पानी, शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के अलावा जो दूसरे मुद्दे महत्त्वपूर्ण हैं, वे हैं इस नक्सल प्रभावित इलाके में किसानों के सिचाई की समस्या. युवाओं को रोजगार भी एक अहम मुद्दा है. यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरा पड़ा है, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. जिससे यहां रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा हो सकती हैं और बेरोजगारी दूर करने के साथ नक्सलवाद उन्मूलन में सहायक हो सकती हैं. पर इसके लिए जिस दूरदृष्टि की जरूरत है, इलाके के नेताओं में उसका अभाव है. यह इलाका शिक्षा के लिहाज से भी काफी पिछड़ा हुआ है, जहां स्कूल- कालेज का टोटा है. जाहिर सी बात है, हर चुनाव की तरह इस बार भी उम्मीदवारों को ऐसे सवालों से गुजरना पड़ेगा. जो हैं, मैदान में 1) जितेंद्र कुमार (एडवोकेट), बसपा बसपा ने 383 विधानसभा चकिया(सुरक्षित) से जितेंद्र कुमार (एडवोकेट) को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. जिनकी शिक्षा बीए एलएलबी है. पेशे से वकील रहे जितेंद्र कुमार ने बसपा के बूथ लेबल के पदाधिकारी से अपनी राजनीति की शुरुआत की. उन्होंने बसपा से ही दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ा. जिसमें साल 2007 के पहले चुनाव में जीतकर वह विधायक भी बने, पर साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जितेंद्र कुमार एक बार फिर 2017 के चुनाव में बसपा से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं. इनके ऊपर एक भी राजनीतिक या आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है. 2) पूनम सोनकर, सपा सपा ने 383 चकिया विधानसभा सीट से पुन: पूनम सोनकर को अपना प्रत्याशी बनाया है. यह अपने मरहूम पति सत्य प्रकाश सोनकर के व्यवहार और राजनीतिक छवि की वजह से क्षेत्र में जानी जाती हैं. साल 2012 में इन्होंने बसपा प्रत्याशी जितेंद्र प्रसाद को लगभग 7000 मतों से हराया था. पूनम सोनकर ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं. इन्होंने हाईस्कूल तक की शिक्षा ग्रहण की है. 2012 के पहले इनका अपना कोई राजनीतिक इतिहास नहीं था. पूर्व विधायक सत्य प्रकाश सोनकर के निधन के बाद समाजवादी पार्टी ने उनकी पत्नी यानी पूनम सोनकर को 2012 में अपना प्रत्याशी बनाया, जहां पूर्व विधायक सत्य प्रकाश सोनकर के निधन की सहानभूति में चकिया के मतदाताओं ने उनको विजय का ताज पहनाया. सत्य प्रकाश सोनकर दो बार विधायक चुने गए थे और चकिया की जनता में काफी लोकप्रिय भी थे. पूनम सोनकर के खिलाफ किसी भी थाने में कोई भी मुकदमा पंजीकृत नहीं है. 3-शारदा प्रसाद, भाजपा चन्दौली से विधायक और बसपा सरकार के मंत्री रह चुके शारदा प्रसाद को भाजपा ने 383 चकिया विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है. शारदा प्रसाद मूलतः वाराणसी जिले के रहने वाले हैं, जिनका प्रमुख व्यवसाय ठेकेदारी है. इनकी शिक्षा स्नातक है और इनके खिलाफ आपराधिक मामले नहीं है. चुनावी समीकरणः चकिया विधानसभा में भी जातिगत समीकरण काफी हद तक हावी है और दलित मुस्लिम गठजोड़ की राजनीति कर रहे बसपा प्रत्याशी इस इलाके में सपा प्रत्याशी को सीधी टक्कर दे सकते हैं. हालांकि अभी तक इस सीट पर पार्टी सिंबल का ग्रहण लगा हुआ है और तमाम अटकलें भी जारी हैं जो बसपा प्रत्याशी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं. कमोवेश यही हाल भाजपा का भी है. बसपा छोड़ भाजपा में आये शारदा प्रसाद के नाम के घोषणा के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष व्याप्त हुआ और पार्टी कई खेमे में बट गयी. पार्टी के अंदरूनी मतभेद से जूझ रहे भाजपा प्रत्याशी अब दो दिग्गजों को कैसे टक्कर दे पाएंगे ये भविष्य के गर्भ में है. चूंकि तीनों प्रत्याशी बिना किसी आपराधिक छवि के हैं, इसलिए इस इलाके में मुकाबला रोचक है. 383 चकिया विधानसभा आंकड़ों की नजर कुल मतदाता -364799 पुरुष मतदाता -195149 महिला मतदाता - 169646 थर्ड जेंडर -4 383 चकिया विधानसभा की जातिगत स्थिति मुसलमान- 30 हजार यादव- 40 हजार दलित- 1 लाख 10 हजार राजभर- 25 हजार वैश्य- 30 हजार बिन्द - 10 हजार कोइरी कुशवाहा- 28 हजार ब्राह्मण- 28 हजार राजपूत- 18 हजार बनवासी- 25 हजार व 30 हजार अन्य मतदाता -- चकिया विधान सभा के 2012 के परिणाम की बात करें तो यहां तत्कालीन सपा उम्मीदवार पूनम सोनकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा उम्मीदवार जीतेन्द्र कुमार(एडवोकेट) को 8682 मतो से मात दी थी. |
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