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टीम अन्ना ने तोड़ा अनशन, बनाएंगे पॉलिटिकल पार्टी

टीम अन्ना ने तोड़ा अनशन, बनाएंगे पॉलिटिकल पार्टी

नई दिल्ली: जंतर मंतर पर पिछले दस दिनों से जारी टीम अन्ना और छह दिनों से जारी अन्ना हजारे का अनशन आज शाम समाप्त हुआ। इसी के साथ इस टीम ने घोषणा की कि वे राजनीतिक दल का गठन करेंगे जिसमें आलाकमान नहीं होगा और जनता से पूछकर उम्मीदवार का चयन किया जाएगा ।

सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वी के सिंह ने हजारे को नारियल पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया । जनरल सिंह और कुछ अन्य प्रमुख हस्तियों ने कल अन्ना और उनकी टीम से अनशन खत्म करने और बड़ी राजनीतिक लड़ाई लड़ने की अपील की थी ।

पार्टी के स्वरूप की घोषणा करते हुए टीम अन्ना के सदस्य और पिछले दस दिनों से आंदोलन कर रहे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सड़क से आगे जाकर अब संसद में आंदोलन करना करना होगा और सरकार, व्यवस्था और मंत्रिमंडल का शुद्धीकरण करना होगा ।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का स्वरूप अन्य पार्टियों से अलग होगा जिसमें आलाकमान नहीं होगा , एसी कमरों में नहीं बल्कि लोगों, किसानों से मिलकर घोषणा पत्र तैयार किए जाएंगे । केजरीवाल ने कहा कि पार्टी का ढांचा जनता से पूछकर बनाया जाएगा ।

हजारे ने कहा कि चार बार अनशन किया लेकिन सरकार नहीं मानी , इसलिए मजबूरन राजनीतिक रास्ता अपनाना पड़ा।मंच से जनसमूह को संबोधित करते हुए सेवानिवृत्त जनरल सिंह ने कहा कि हालात 1973 - 1974 के माफिक बन गए हैं जब जेपी ने नारा दिया था कि सिंहासन खाली करो जनता आती है और एक बार फिर अन्ना के साथ मिलकर जनता उसी नारे को उजागर करेगी ।

राजनीतिक पार्टी के गठन के फैसले को जायज ठहराते हुए हजारे ने कहा कि जब उन्होंने आंदोलन शुरू किया तो राजनीतिक दलों ने उनसे चुनकर लोकसभा में आने की चुनौती दी । उन्होंने कहा, ‘आप ही ने कहा था चुनकर आ जाओ, सो उतर रहे हैं और अब वही दल चुनौती महसूस कर रहे हैं ।’

हजारे ने कहा कि अगर सरकार जनलोकपाल विधेयक, राइट टू रिकॉल विधेयक पारित कर दे तो वह राजनीतिक विकल्प पेश नहीं करेंगे । केजरीवाल ने भी अपने भाषण में कहा कि अगर कांग्रेस अगले दो साल में इन विधेयकों को पारित कर देती हैं तो पार्टी का गठन नहीं किया जाएगा ।

केजरीवाल ने कहा कि उनका मकसद सत्ता में आना नहीं, बल्कि सत्ता को जन जन तक पहुंचाना है । उन्होंने कहा कि पार्टी का नाम जनता की राय से रखा जाएगा ।

टीम अन्ना के सदस्य और अनशन पर बैठे गोपाल राय ने कहा कि 2014 में चुनकर आने के बाद उनकी राजनीतिक पार्टी 20 महीनों के भीतर जनलोकपाल कानून और राइट टू रिकॉल पारित कराएगी ।

उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक व्यवस्था में सांसदों के वेतन में एक चौथाई कर दी जाएगी , उनकी गाड़ियों पर लाल बत्तियों को हटा दिया जाएगा और विधायक, सांसद विकास निधि कोष को बंद कर दिया जाएगा। हजारे ने अपना समर्थन जताने के लिए जनरल वी के सिंह का आभार जताया और कहा कि उनके समर्थन से आंदोलन को ताकत मिली है। उन्होंने कहा कि वह अगले आम चुनाव से पहले पूरे देश का दौरा करेंगे और जनता को जगाएंगे ।

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