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स्पेस में बढ़ रहा ISRO का दबदबा, 2014 से 34 देशों के लिए लॉन्च किए 390 सैटेलाइट
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 26, 2025, 11:24 am IST
Keywords: Since 2014 ISRO partnership between India भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO ने एक बार फिर अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. हाल ही में ISRO का एलवीएम3-एम6 रॉकेट अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित करने में सफल रहा. इस मिशन की सफलता ने न केवल भारत बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय स्पेस समुदाय का ध्यान खींचा. इस उपलब्धि के साथ ही इसरो ने इस साल अंतरिक्ष डॉकिंग, मानव अंतरिक्ष यान की तैयारी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में कई अहम सफलताएं हासिल की हैं. ये उपलब्धियां भारत की अंतरिक्ष तकनीक की मजबूती और वैश्विक साख को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं. ISRO का वैश्विक स्पेस मार्केट में दबदबा वर्ष 2014 से अब तक ISRO ने 34 देशों के लिए कुल 390 से अधिक सैटेलाइट लॉन्च किए हैं. इनमें से अमेरिका के लिए 232 सैटेलाइट शामिल हैं, जो किसी भी अन्य देश से सबसे अधिक हैं. यह तथ्य वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने गुरुवार को साझा किया. ISRO की इस उपलब्धि ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी तकनीकी दक्षता, लागत प्रभावी सेवाओं और कठिन अंतरिक्ष मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने में विश्व स्तर पर अग्रणी है. एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च कर बनाया विश्व रिकॉर्ड ISRO का सबसे ऐतिहासिक मिशन 2017 में हुआ, जब इसरो ने एक ही बार में 104 सैटेलाइट लॉन्च कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. इस मिशन ने न केवल तकनीकी क्षमता दिखाई, बल्कि अंतरराष्ट्रीय ग्राहक देशों के बीच भारत की स्पेस सेवाओं की विश्वसनीयता को भी बढ़ाया. साल 2025 की शुरुआत में भारत ने अंतरिक्ष डॉकिंग में विश्व स्तर पर चौथा स्थान हासिल किया. अंतरिक्ष डॉकिंग वह प्रक्रिया है जिसमें दो अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में एक-दूसरे के साथ सटीकता से जोड़ा जाता है, ताकि वे एक यूनिट के रूप में काम कर सकें. इसरो के पीएसएलवी-सी60 (स्पैडेक्स मिशन) के तहत 30 दिसंबर 2024 को लॉन्च हुए दो छोटे उपग्रह एसडीएक्स-01 और एसडीएक्स-02 की सफल डॉकिंग 16 जनवरी 2025 को पूरी हुई. इस उपलब्धि ने भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए आयाम दिए हैं. 100वीं लॉन्च और नेविगेशन में मजबूती साल 2025 में ISRO ने 29 जनवरी को श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी-एफ15/एनवीएस-02 लॉन्च कर अपनी 100वीं लॉन्च का आंकड़ा पूरा किया. इस मिशन ने भारत के क्षेत्रीय नेविगेशन सिस्टम NAVIC को और अधिक मजबूत किया. ISRO ने हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विदेशी ग्राहकों के लिए लॉन्च सेवाओं में काफी बढ़ोतरी की है. इससे भारत की अंतरिक्ष तकनीक की विश्वसनीयता और मांग दोनों बढ़ी हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में न केवल तकनीकी नवाचार में आगे है बल्कि वैश्विक स्पेस मार्केट में प्रतिस्पर्धा में भी मजबूती से अपनी जगह बना चुका है. |
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