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बात करते वक्त क्यों बंधे थे शुभांशु शुक्ला के पैर, वजह जान हंसने लगे पीएम मोदी
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jun 29, 2025, 9:32 am IST
Keywords: International Space Station Captain Shubhanshu Shukla special interaction भारत
![]() नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल के माध्यम से संवाद किया. शुभांशु हाल ही में एक्सियम मिशन 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचे हैं और 41 वर्षों में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा साझा किए गए वीडियो में यह 18 मिनट की बातचीत हर्ष और गर्व से भरी नजर आई. दोनों ने अंतरिक्ष के अनुभवों, विज्ञान, भारतीय संस्कृति और व्यक्तिगत भावनाओं को लेकर अनेक विषयों पर चर्चा की. हलवा से हुई शुरुआत, विज्ञान तक पहुँची बात बातचीत की शुरुआत एक हल्के-फुल्के अंदाज़ में हुई, जब प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्कराते हुए पूछा, "आप गाजर का हलवा लेकर गए थे अंतरिक्ष में... अपने विदेशी साथियों को भी खिलाया या अकेले ही खा गए?" इस पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने हँसते हुए जवाब दिया, "बिल्कुल सर! सभी साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर खाया. सभी को बहुत पसंद आया." यह संवाद न केवल वैज्ञानिक मिशन की गंभीरता में एक मानवीय पहलू जोड़ता है, बल्कि अंतरिक्ष में भारतीय स्वाद और सांस्कृतिक आत्मीयता की उपस्थिति को भी दर्शाता है. स्पेस स्टेशन पर शून्य गुरुत्व, बंधे थे पैर बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने जब शुभांशु को बैठा देखा, तो पूछा, "आप बिल्कुल स्थिर कैसे बैठे हैं?" शुभांशु ने मुस्कराते हुए स्पष्ट किया, "मेरे पैर बंधे हुए हैं सर. अंतरिक्ष में जीरो ग्रेविटी की वजह से अगर पैर न बांधे जाएं, तो हम स्थिर नहीं रह सकते." प्रधानमंत्री यह जानकर हँस पड़े और बोले, "वाह, बहुत रोचक है! ये अनुभव किसी भी देशवासी को रोमांचित कर देगा." दरअसल, अंतरिक्ष में जीरो ग्रेविटी होती है. जिसके कारण किसी भी व्यक्ति का एक जगह टिक पाना संभव नहीं है. यही वजह है कि बातचीत के प्रसारण को बनाए रखने के लिए शुभांशु शुक्ला के पैर बांधे गए. भारत की ओर से 41 साल बाद अंतरिक्ष में क़दम ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 26 जून की शाम 4:01 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे. उन्होंने स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में ड्रैगन कैप्सूल के ज़रिए फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी. यह मिशन मौसम और तकनीकी कारणों से छह बार स्थगित हुआ था. 25 जून को रवाना हुए इस अभियान के तहत, शुभांशु को एक्सियम मिशन 4 का हिस्सा बनाया गया है, जिसमें अमेरिका, इटली और तुर्की के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के अंत में शुभांशु को उनकी उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, "आप हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं. अंतरिक्ष में आपकी उपस्थिति भारत की वैज्ञानिक क्षमता और आत्मविश्वास का प्रतीक है. मैं आपके और आपके पूरे दल के लिए शुभकामनाएं देता हूं." एक ऐतिहासिक उपलब्धि भारत के लिए यह क्षण ऐतिहासिक है. 1984 में राकेश शर्मा के बाद अब शुभांशु शुक्ला ने भारत की अंतरिक्ष उपस्थिति को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर जीवंत कर दिया है. उनका मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से, बल्कि भारत की स्पेस डिप्लोमेसी और युवा वैज्ञानिकों की प्रेरणा के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा. |
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