![]() |
ममता बनर्जी पर क्यों भड़के धीरेंद्र शास्त्री?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 07, 2025, 10:46 am IST
Keywords: बंगाल पश्चिम बंगाल धार्मिक और सांस्कृतिक रूप BENGAL MAMTA DIDI
![]() धार्मिक प्रवचन और कथाओं के माध्यम से लाखों लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने वाले बागेश्वर धाम सरकार, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार मामला पश्चिम बंगाल से जुड़ा है, जहां उनकी प्रस्तावित यात्रा को प्रशासनिक मंजूरी नहीं मिल पाई. इसके बाद शास्त्री जी ने एक तीखी प्रतिक्रिया दी, जो तेजी से सोशल मीडिया और धार्मिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई. धीरेंद्र शास्त्री की 10 से 12 अक्टूबर तक कोलकाता में धार्मिक कथा के आयोजन की योजना थी. इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो चुकी थीं, और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस कार्यक्रम का इंतजार कर रहे थे. लेकिन अचानक आयोजकों को सूचित किया गया कि प्रशासन से उन्हें परमिशन नहीं मिली है और कार्यक्रम को रद्द करना पड़ेगा. इस फैसले से नाराज होकर धीरेंद्र शास्त्री ने एक वीडियो संदेश या बयान में अपनी नाखुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, "जब तक बंगाल में दीदी हैं, हम वहां नहीं जाएंगे. दीदी की जगह जब दादा आएंगे, तब जरूर जाएंगे." इस बयान को व्यापक रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा निशाना माना गया है. हालांकि शास्त्री जी ने आगे यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति को अपमानित करना नहीं है, बल्कि केवल धर्म और समाज के लिए कार्य करना है. "थैंक यू बोल देना"- धीरेंद्र शास्त्री जब मीडिया या किसी श्रद्धालु ने धीरेंद्र शास्त्री से पूछा कि बंगाल में कथा रद्द होने के बाद उनका अगला कदम क्या होगा, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "हमने कहा थैंक यू बोल देना." इस एक पंक्ति के उत्तर में नाराजगी भी छिपी थी और आत्मसंयम भी. उनके इस उत्तर को उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर खूब साझा किया, और इसे एक 'शांत लेकिन प्रभावी विरोध' के रूप में देखा जा रहा है. शास्त्री: राजनीति नहीं, धर्म प्राथमिकता धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी राजनीतिक विवाद में शामिल होना नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी कथाओं का मकसद केवल समाज में धार्मिक चेतना, नैतिक मूल्यों और सकारात्मक सोच को फैलाना है. उन्होंने कहा, "भगवान करें दीदी बनी रहें, हमें उनसे कोई दुश्मनी नहीं है. हम सिर्फ यही चाहते हैं कि बुद्धि ठीक रहे और धर्म के विरुद्ध कोई काम न हो." इस बयान से साफ है कि शास्त्री जी राजनीति से ऊपर उठकर धर्म और समाज सेवा को प्राथमिकता देना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी इशारा किया कि अगर राज्य में धार्मिक आयोजनों के लिए स्वतंत्र और सकारात्मक माहौल होगा, तो वे भविष्य में फिर से बंगाल आ सकते हैं. बंगाल में धार्मिक आयोजनों को लेकर माहौल पश्चिम बंगाल एक धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है, लेकिन हाल के वर्षों में कुछ धार्मिक आयोजनों को लेकर प्रशासन और आयोजकों के बीच टकराव की खबरें सामने आई हैं. कुछ आयोजनों को सुरक्षा कारणों या अनुमति संबंधी तकनीकी कारणों से रोका गया है. धीरेंद्र शास्त्री का मामला भी इसी श्रेणी में आता है. आलोचकों का कहना है कि प्रशासनिक अनुमति न देना, धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात है. वहीं सरकार के पक्ष में खड़े लोग इसे कानूनी प्रक्रियाओं और सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा बता रहे हैं. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|