![]() |
भगवान जगन्नाथ की मूर्ति में आज भी धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jul 06, 2025, 10:16 am IST
Keywords: Mysterious Temple श्रीकृष्ण भारत भगवान जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी
![]() भारत, जहां आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम है, वहां कई ऐसे मंदिर हैं जिनके रहस्य आज तक वैज्ञानिक भी नहीं समझ पाए. ऐसे ही एक रहस्यमयी और चमत्कारिक मंदिर हैं ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर. इस मंदिर से जुड़ा एक ऐसा अनूठा रहस्य है, जो आपको चौंका सकता है. माना जाता है कि यहाँ भगवान श्रीकृष्ण का हृदय आज भी धड़कता है. द्वापर युग के अवतार और उनका अमर हृदय भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने मानव रूप में जन्म लिया था, और सृष्टि का नियम है कि हर जीव की मृत्यु निश्चित है. महाभारत युद्ध के 36 साल बाद श्रीकृष्ण ने इस धरती को छोड़ दिया, लेकिन उनके शरीर का हृदय अंततः नहीं रुका. उनके देह का अंतिम संस्कार करने वाले पांडव भी इस चमत्कार से हैरान रह गए. आग के बावजूद उनका हृदय धड़कता रहा, जिसे ब्रह्म का हृदय कहा जाता है. इस हृदय को पांडवों ने समुद्र में प्रवाहित कर दिया था, लेकिन माना जाता है कि इसका एक अंश पुरी के जगन्नाथ मंदिर में आज भी विद्यमान है. जगन्नाथ मंदिर का रहस्यमयी स्वरूप पुरी का यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि चमत्कारिक घटनाओं का केंद्र भी है. मंदिर के आसपास की हवा का रुख बदल जाना, समुद्र की लहरों की आवाज़ का अंदर न पहुँचना, और मंदिर का ध्वज हवा के उल्टी दिशा में लहराना ये सब अद्भुत घटनाएं यहां की रहस्यमयता को और भी बढ़ाती हैं. मूर्तियों में भगवान श्रीकृष्ण का हृदय भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की लकड़ी की मूर्तियाँ नीम के पेड़ की लकड़ी से बनाई जाती हैं. हर 12 साल बाद इन मूर्तियों को बदलने की परंपरा है. इस दौरान, पुराने कलेवर से ब्रह्म पदार्थ यानी भगवान श्रीकृष्ण के हृदय के अंश को निकालकर नई मूर्ति में स्थापित किया जाता है. मूर्ति परिवर्तन की गुप्त और सावधानीपूर्वक प्रक्रिया इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के दौरान पूरे शहर में बिजली काट दी जाती है. पुजारी अपनी आंखों पर पट्टी बांधते हैं और दस्ताने पहनते हैं ताकि किसी भी गलती से भगवान के हृदय का रहस्य प्रकट न हो. पुजारियों का कहना है कि इस दौरान ऐसा महसूस होता है जैसे कलेवर के अंदर कोई जीव फुदक रहा हो. यह सब उस दिव्य हृदय की शक्ति का प्रमाण माना जाता है. आस्था, रहस्य और चमत्कार का संगम भगवान जगन्नाथ मंदिर का यह रहस्य न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि भारतीय संस्कृति और पुरातन विश्वासों का जीवंत उदाहरण भी है. जहां विज्ञान थक जाता है, वहीं आस्था अपनी गहराई से चमत्कार रचती है. भगवान श्रीकृष्ण के इस अमर हृदय की कथा सदियों से भक्तों के हृदयों को जोड़ती आ रही है और आज भी हजारों श्रद्धालुओं के विश्वास की धड़कन बनकर जीवित है. |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|