जीत की हैट्रिक के लिए BJP का परफॉर्मेंस टेस्ट शुरू, 2027 में इन विधायकों का कटेगा पत्ता

जनता जनार्दन संवाददाता , May 19, 2025, 17:03 pm IST
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जीत की हैट्रिक के लिए BJP का परफॉर्मेंस टेस्ट शुरू, 2027 में इन विधायकों का कटेगा पत्ता

उत्तर प्रदेश की सत्ता में लगातार दो बार काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब तीसरी बार वापसी की तैयारी में जुट गई है. लेकिन इस बार रास्ता सिर्फ प्रचार और वादों से नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस और पब्लिक कनेक्शन से होकर जाएगा. पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों के कार्यों की त्रिस्तरीय समीक्षा शुरू कर दी है, जो 2027 के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण का आधार बनेगी. इस सर्वेक्षण में विधायकों के कामकाज, जनसंपर्क और लोकप्रियता जैसे मानकों को परखा जा रहा है. साफ संकेत हैं कि जो अच्छा काम करेगा, वही अगला मौका पाएगा.

क्यों हो रहा है ये परफॉर्मेंस ऑडिट?

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी में सिर्फ 33 सीटें मिलीं, जो 2019 के मुकाबले आधी से भी कम थीं. यह नतीजे पार्टी के लिए खतरे की घंटी साबित हुए. इसके बाद बीजेपी ने रणनीति बदली और संगठन के हर स्तर पर नतीजों की समीक्षा शुरू कर दी. उपचुनावों में वापसी की झलक मिलने के बावजूद पार्टी अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. इसलिए अब 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए जमीनी स्तर पर फिटनेस टेस्ट शुरू कर दिया गया है.

किन बिंदुओं पर हो रहा है आकलन?

पहली और दूसरी बार के विधायकों का प्रदर्शन कैसा रहा
क्षेत्र में विकास कार्यों और फंड के इस्तेमाल की स्थिति
जनसमस्याओं के समाधान में सक्रियता
पिछली जीत का मार्जिन और उसका विश्लेषण
जनता की नजर में विधायक की छवि
2027 में दोबारा जीतने की संभावना

तीन श्रेणियों में होगी रेटिंग

हर विधायक को परफॉर्मेंस के आधार पर तीन श्रेणियों ए, बी और सी में बांटा जाएगा. जो विधायक सबसे ज़्यादा अंक हासिल करेंगे, वो ‘ए ग्रेड’ में आएंगे और उनका टिकट लगभग पक्का माना जा सकता है. वहीं बी और सी श्रेणी में आने वाले नेताओं को या तो चेतावनी मिलेगी या टिकट कट सकता है.

विधायक ही नहीं, संगठन भी जांच के दायरे में

इस सर्वे का मकसद केवल विधायकों का मूल्यांकन नहीं है, बल्कि स्थानीय संगठनात्मक कमजोरियों की पहचान भी इसका हिस्सा है. पार्टी अब नए चेहरों को मौका देने के साथ-साथ दलित, ओबीसी और पिछड़े वर्गों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना भी बना रही है.

सपा की चुनौती और बीजेपी की रणनीति

2024 में समाजवादी पार्टी (सपा) ने बीजेपी को पीछे छोड़ते हुए 37 लोकसभा सीटें हासिल कीं. यही वजह है कि बीजेपी अब अपनी हर रणनीति को डेटा और फील्ड रिपोर्ट्स के आधार पर तय कर रही है. पार्टी जानती है कि हैट्रिक तभी संभव है, जब जनता के भरोसे को फिर से हासिल किया जाए.

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