11 हजार KM दूर से सगाई में ऐसे शामिल हुए 300 लोग

जनता जनार्दन संवाददाता , Sep 18, 2023, 17:01 pm IST
Keywords: Strange Online Engagement   इंटरनेट युग   Gujarat   पारिवारिक संबंध   लड़का-लड़की  
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11 हजार KM दूर से सगाई में ऐसे शामिल हुए 300 लोग आज के इंटरनेट युग में असंभव चीजें भी संभव हो रही हैं, जिसके कारण आज लोगों के कई काम आसानी से हो जाते हैं. इससे लोगों के पैसे और समय की बचत होती है. गुजरात के दो परिवारों का रिश्ता ऐसे अनोखे तरीके से जुड़ा जिसके बारे में जानकर हर कोई अचंभे में है और लड़का-लड़की की तारीफ कर रहे हैं. लड़का और लड़की दोनों भारत के हैं. दोनों की सगाई तय हुई लेकिन वह कुछ वजहों से भारत नहीं आ पाए. लेकिन सगाई में बाधा नहीं आए इसके लिए लड़का और लड़की ने ऐसा जुगाड़ निकाला कि उनकी सगाई में 11 हजार किलोमीटर दूर से ही करीब 250 सगे-संबंधी शामिल हुए और धूमधाम से कार्यक्रम पूरा हुआ.

बता दें कि ऊना में रहने वाले रामशीभाई और नयनाबेन वाला की बेटी निशिबेन साल 2023 में पढ़ाई के लिए कनाडा चली गई थीं, जबकि भागाभाई और वेरावल तालुका के भालका गांव के हंसाबेन सोलंकी का बेटा राकेश 2020 से कनाडा में नौकरी कर रहा है. जब दोनों परिवारों में लंबे समय तक पारिवारिक संबंध अच्छे रहे तो दोनों परिवारों ने अपने बेटे और बेटी की सगाई तय की और सगाई तय करने के बाद लड़का और लड़की कनाडा से आने के लिए कहा. लेकिन फिर समय और पैसा की बात को सोचते हुए उन्होंने आज के इंटरनेट युग में ऑनलाइन सहभागिता के बारे में विचार किया.

इस ऑनलाइन सगाई में पंडित जी से लेकर तमाम रिश्तेदार ऑनलाइन शामिल हुए. लड़की के भारत वाले घर में एक बड़ी एलसीडी स्क्रीन रखी गई और फिर उसी पर सबने सगाई को होते हुए देखा. सभी इस खास पल के गवाह बने. कनाडा में बैठे-बैठे निशी और राकेश परंपरागत रूप से सगाई करके एक-दूसरे के मंगेतर बन गए. जान लें कि कनाडा और भारत के बीच समय में 11 घंटे का अंतर है इसलिए दोनों देशों के लोगों ने पहले ही समय निर्धारित कर लिया था.

गौरतलब है कि शुभ मुहूर्त में पंडित जी ने शास्त्रोक्त रीति से दोनों की सगाई कराई. इस अनोखी सगाई में कनाडा से 50 से ज्यादा लोग और ऊना से लड़का-लड़की के 250 से ज्यादा रिश्तेदार मौजूद रहे. सगाई भले ही ऑनलाइन हुई हो लेकिन इसमें पारंपरिक रीति-रिवाजों का पूरा ध्यान रखा गया. सगाई के बाद सभी रिश्तेदारों ने लड़का-लड़की की आशीर्वाद दिया.
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