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खराब हो रही है संगीत की गुणवत्ता : आनंद-मिलिंद

खराब हो रही है संगीत की गुणवत्ता : आनंद-मिलिंद नई दिल्ली: फिल्म 'ये खुला आसमान' से छह वर्षो बाद फिल्मों में वापसी करने वाली संगीतकारों की अनुभवी जोड़ी आनंद-मिलिंद को लगता है कि फिल्म उद्योग में संगीत की गुणवत्ता खराब होती जा रही है।

एक साक्षात्कार के दौरान मिलिंद श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया, "फिल्म उद्योग में संगीत की गुणवत्ता घटती जा रही है। मैं सामान्यीकरण नहीं कर रहा हूं लेकिन समय के साथ अच्छे गीतों की संख्या में कमी आती जा रही है।"

उन्होंने कहा, "हालांकि अगर हम बड़े पैमाने पर देखें, तो मुझे लगता है कि संगीत की गुणवत्ता में उसे जीवित रखने की ताकत नहीं है। वर्तमान में गीतों की उम्र बहुत छोटी होती है। अगर आप 1960 या 1970 के दशक के गीत देखे तो पाएंगे कि वे लम्बे समय तक हिट रहे थे।"

'कयामत से कयामत तक', 'अंजाम', 'दिल', 'बोल राधा बोल' और 'बेटा' सहित 250 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में संगीत दे चुकी इस जोड़ी की माने तो फिल्म निर्माताओं के अधिक हस्तक्षेप से संगीत की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

आनंद ने बताया, "अन्य कारणों की वजह से संगीत की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। अब निर्देशक और निर्माता गीतों का चयन करते हैं। यह एक परेशानी बन जाती है और जिससे संगीत और गीतों की गुणवत्ता गिरती जा रही है।"

उन्होंने कहा, "संगीत निर्माण एक विशेष काम है। दो दशक पहले विभागों में कोई हस्तक्षेप नहीं होता था और निर्देशक गीत चुनने की बजाय एक स्थिति दे देते थे।"

आनंद के अनुसार अगर फिल्म को बुरी समीक्षाओं का सामना करना पड़ता है, तो उसके लिए संगीतकार और गीतकार जिम्मेदार होते हैं।

"एक फिल्म के विफल होने के लिए संगीतकार और गीतकारों को दोष दिया जाता है और जब फिल्म असफल हो जाती हैं, तो निर्माता और निर्देशक दूसरे नम्बर पर आते हैं।"

चार बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीत चुकी यह जोड़ी दोहरे अर्थ वाले गीतों से भी नफरत करती है।

मिलिंद ने बताया, "मुझे दोहरे अर्थ वाले गीतों की धारणा पसंद नहीं है। यहां तक कि हमें कुछ प्रस्ताव भी मिले थे, लेकिन हमने उन्हें करने से इंकार कर दिया। मैं ऐसे गीतों को पसंद नहीं करता।"

मिलिंद के साथी आनंद की माने तो संगीत की चोरी देश के संगीत उद्योग को बर्बाद करती जा रही है।

"आज की दुनिया में अगर आप किसी संगीत स्टोर या दुकान पर जाएंगे, तो आप पाएंगे कि लोग केवल पुराने गीतों के रिकार्ड ही खरीद रहे होते हैं। नया संगीत खरीदने के लिए वह किसी भी दुकान पर नहीं जाते। वे उसे इंटरनेट से डाउनलोड कर लेते हैं।"

आनंद-मिलिंद की धुनों से सजी 'ये खुला आसमान' इसी महीने की 25 तारीख को प्रदर्शित हो रही है।

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