अपनी काबिलियत को जानें और आगे बढ़ें

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 23, 2011, 12:01 pm IST
Keywords: Positive thinking   सकारात्मक सोच   Know your ability   अपनी प्रतिभा को पहचानिए   Move forward   पुस्तक   खुद बदलें अपनी किस्मत  
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अपनी काबिलियत को जानें और आगे बढ़ें नई दिल्ली: लक्ष्यहीन व्यक्ति वह होता है जिसे यह न पता हो कि उसके लिए किस प्रोफेशन में जाना बेहतर होगा। ऐसे लोग एक तरफ तो आईएएस की तैयारी करते हैं और दूसरी तरफ शॉर्टहैंड व टाइपराइटिंग का कोर्स भी करते रहते हैं कि कहीं अगर आईएएस में चयन नहीं हो पाया तो आजीविका का दूसरा विकल्प तो रहेगा। क्या आपको नहीं लगता कि दोनों कॅरियर विकल्पों में जमीन-आसमान का अंतर है?

अगर कोई आदमी आईएएस में चयनित नहीं भी होता है तो उसे राज्यस्तरीय सेवाओं या उससे जुड़ी सर्विस में जाना चाहिए। इससे यह साबित होता है कि उस व्यक्ति ने अपनी क्षमता का अच्छी तरह से आकलन नहीं किया होगा।

दो साल बाद जब मैं पांच बड़े स्कूली प्रोजेक्ट को संचालित करने लगा तो मेरे आलोचकों ने मुझे बधाई दी और मुझे सौभाग्यशाली कहा, है न विचित्र बात! यह बात और है कि अभी भी वे मेरी प्रतिबद्धता व परिश्रम को इसका श्रेय नहीं देना चाहते और न ही मेरी मेहनत व कर्तव्यनिष्ठा पर गौर करते हैं।

स्पष्ट और केंद्रित लक्ष्य की स्थापना और उस पर कार्य करना ही सफलता का आरम्भिक बिंदु है। अक्सर आपके दिमाग में यह विचार आता होगा कि आखिर वास्तव में यह भाग्य है क्या? मेरा मानना है कि अपनी क्षमताओं का सही आकलन करके अपनी रुचि के मुताबिक क्षेत्र में आगे बढ़ना ही भाग्य है। अपना काम समय से पूरा करने वाले लोग समाज के लिए आदर्श बनते हैं, जरूरत है तो बस आपकी प्रतिबद्धता की, बाकी सारी चीजें तो द्वितीयक हैं।

आप स्वयं को या अपने गुणों को ज्यादा देर तक नहीं छिपा सकते, जैसे आप ज्यादा देर तक किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते। आपकी असलियत ही आपकी ताकत है। मैं समझता हूं कि इस धरती पर एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं होगा, जिसमें कोई भी कमजोरी न हो। लेकिन उसे छिपाने की कोशिश में अपनी वास्तविकता नहीं छिपानी चाहिए। आपको समझना होगा कि आप कुछ हटकर हैं और उसी गुण की बदौलत आप बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।

आपकी सफलता यात्रा की कहानी की शुरुआत विजय से होगी, सच मानिए। ज्यादातर आलोचकों का कहना है कि आज बाजार में सकारात्मक नजरिए पर किताबों की जैसे बाढ़ आ गई है, जबकि मेरा मानना है कि हमारे शीघ्र उपलब्धि हासिल करने की चाह का ही यह नतीजा है। हम आज किसी चीज के लिए इंतजार नहीं करना चाहते।

आज समाज में आत्महत्या व अराजकता की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिसकी सबसे बड़ी वजह युवाओं का अल्पदृष्टि होना है, जो कम समय में ही ज्यादा चीजें हासिल करना चाहते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि तर्क और सोचने में वे हम से आगे हैं और माउस के एक क्लिक पर उनके पास सूचना हासिल करने के अनेक माध्यम उपलब्ध हो जाते हैं।

इस पृष्ठ को लिखते समय चैनलों पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. वाई. एस. राजशेखर रेड्डी का हैलीकॉप्टर लापता होने की खबरें आ रही थीं। उनकी मौत की खबर आने के बाद तकरीबन एक सौ बीस लोगों ने दुख से आत्महत्या करने का प्रयास किया। कैसी विडम्बना है यह?आत्महत्या की कोशिशों की विस्तृत जानकारी के लिए जब मैंने इंटरनेट खोला तो उनके खिलाफ लिखे गए ब्लॉग्स को पढ़कर हैरान रह गया। दोनों ही परिस्थितियां अपनी पराकाष्ठा पर थीं।

कई बार हम कारण जानना ही नहीं चाहते और न ही यह जानते हैं कि हमें करना क्या है। हम हर चीज को पाना चाहते हैं। लेकिन हमें यह पता नहीं कि हम उसके बाद क्या करेंगे। आप अपनी प्रतिभा को पहचानिए। आपका लक्ष्य ही आपके लिए महत्वपूर्ण है। बाकी सभी चीजें तो सहायक हैं।

# डायमंड पॉकेट बुक्स प्रा. लि. द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'खुद बदलें अपनी किस्मत' से साभार
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