फेसबुक का अधिक इस्तेमाल, बरबाद कर रहा बच्चों का कल

फेसबुक का अधिक इस्तेमाल, बरबाद कर रहा बच्चों का कल लंदन: फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो बच्चे इन वेबसाइट्स का बार-बार इस्तेमाल करते हैं वे स्कूलों में कम अंक प्राप्त करते हैं। एक अमेरिकी शोध में यह बात सामने आई है।

कैलीफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के ताजा शोध के मुताबिक ऐसे बच्चों में व्यवहार से जुड़ी समस्या भी आ सकती है। उनमें अहम जैसी प्रवृत्तियां भी पनप सकती हैं।

मनोविज्ञान के प्रोफेसर लैरी रोसेन और शोधकर्ताओं ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स के प्रभाव को जानने के मकसद से बच्चों को उनके लिए जरूरी कुछ चीजों को 15 मिनट तक पढ़ने के लिए दिया। इसके बाद शोधकर्ता वहां से चुपके से चले गए। इस दौरान देखा गया कि फेसबुक पर अपना पेज देखने के लिए बच्चों का ध्यान कई बार भटका।

रोसेन के हवाले से समाचार पत्र डेली मेल ने लिखा है, "हमने जो पाया वह चिंतित करने वाला था। करीब हर तीन मिनट के बाद वे अपना काम छोड़ देते थे। अगर किसी को यह पता हो कि उनके काम पर कोई नजर रख रहा है तो वह उस काम को ज्यादा गम्भीरता से करता है, लेकिन बच्चों ने ऐसा नहीं किया।"

ऐसे में इससे पता चलता है कि जो बच्चा मीडिया का जितना ज्यादा उपभोग करेगा वह स्कूल में उतना ही फिसड्डी साबित होगा। यदि वे हर 15 मिनट बाद फेसबुक का इस्तेमाल करते है तो वे ज्यादा फिसड्डी छात्र साबित होंगे।

रोसेन ने सोशल नेटवर्क वेबसाइट्स के हमारे बच्चों पर पड़ने वाले अच्छे एवं बुरे प्रभाव के बारे में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन में एक वक्तव्य दिया और यहीं पर इस शोध के निष्कर्षो का जिक्र किया।

शोध के परिणाम में कहा गया है इन सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स का एक और नकारात्मक प्रभाव है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे निर्रथक, आक्रामक और असामाजिक व्यवहार करने लगते हैं। वे अवसाद और निद्रा की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं।
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