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CDS की नियुक्ति के नियमों में बदलाव, जानें अब कौन संभाल सकेगा ?
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jun 07, 2022, 21:04 pm IST
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![]() आपको बता दें कि CDS के पद के लिए सेवारत (Working) लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल के समकक्ष के नाम पर भी विचार किया जा सकता है. साथ ही एक और अधिसूचना सेना अधिनियम 1950 और नौसेना अधिनियम 1957 के तहत भी जारी की गई. इस अधिसूचना के मुताबिक तीनों सेनाध्यक्षों का कार्यकाल 3 साल की सर्विस या जब वे 62 वर्ष के हो जाते हैं, जो भी पहले हो, तक होता है. ऐसे केस में रिटायर्ड सेनाप्रमुखों के नाम CDS के पद के लिए भेजना थोड़ा मुश्किल है. क्योंकि आणतौर पर ऐसे लोग CDS के पद पर पहुंचने तक 62 वर्ष के हो चुके होते हैं. गौरतलब है कि जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से ही CDS का पद खाली है. उनकी मृत्यु दिसंबर 2021 में हेलीकॉप्टर हादसे के दौरान हुई थी. वह देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे और उनके निधन के बाद अब तक किसी और को यह पद नहीं सौंपा गया है. बताते चलें कि सेना के विभिन्न अंगों के बीच आपसी समन्वय को बढ़ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद बनाया गया था. इस पद का प्रमुख उद्देश्य प्रशिक्षण, खरीद, भर्ती और संचालन में देश की तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता लाना था. सीडीएस सैन्य मामलों के विभाग के दायरे में आने वाले मामलों पर काम करते हैं. सीडीएस की अगुवाई वाली इकाई थल सेना, नौसेना और वायु सेना तथा तीनों के एकीकृत मुख्यालय से संबंधित मामलों को देखती है. पहले CDS बिपिन रावत की मौत के बाद ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि सेना प्रमुख के पद से 30 अप्रैल को रिटायर होने के बाद जनरल एम एम नरवणे को देश का दूसरा CDS बना दिया जाएगा, लेकिन अब वो रिटायर भी हो चुके हैं और ये पद अब तक खाली है. आपको बताते चलें जनरल रावत दिसंबर 2019 में सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए थे और उन्होंने 1 जनवरी 2020 को CDS के रूप में पदभार ग्रहण किया था. |
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