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फारूक़ी के बिना उर्दू अदब अधूरा: साहित्य अकादेमी की श्रद्धांजलि सभा में गोपी चंद नारंग
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 08, 2021, 9:10 am IST
Keywords: Sahitya Akademi Shamsur Rahman Faruqi शमसुर्रहमान फ़ारूक़ी
![]() इस अवसर पर उनकी बेटी और उर्दू की प्रोफेसर मेहर अफ़शाँ फ़ारूक़ी ने कहा कि हमारे पास उनके जीवन के हर पल की यादें साथ हैं और हम उन्हें हमेशा अपनी स्मृति में बसाए रखेंगे। अकादेमी के पूर्व अध्यक्ष गोपी चंद नारंग ने कहा कि फारूक़ी के बिना उर्दू अदब अधूरा है। उनका लिखा हुआ पीढ़ियों तक साथ रहेगा। हिंदी के प्रख्यात आलोचक एवं कवि राजेंद्र कुमार ने उन्हें इलाहाबाद का ‘फ़क्र’ मानते हुए कहा कि वे अदब और तहज़ीब के सच्चे नुमाइंदे थे और उन्होंने अपनी क़लम की गरिमा हमेशा बनाए रखी। इस सभा में अनीसुर्रहमान, महमूद फारूक़ी, बेग़ एहसास, हरीश त्रिवेदी, शमीम तारिक़, अनीस अशफ़ाक, अहमद महफूज, इब्ने कँवल, निज़ाम सिद्दीकी, जयंत परमार, ज़मान आज़़ुर्दा एवं साहित्य अकादेमी के उर्दू परामर्श मंडल के संयोजक एवं प्रख्यात उर्दू शायर शीन काफ़ निज़ाम ने भी शमसुर्रहमान फ़ारूक़ी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने फारूक़ी साहब को उर्दू अदब का युगांतकारी व्यक्तित्व मानते हुए कहा कि उनके जाने से एक युग की समाप्ति हो गई है। |
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