प्रदर्शनकारी दिल्ली के बॉर्डर पर जमे, प्रधानमंत्री मोदी ने नए कृषि सुधारों का किया जिक्र

प्रदर्शनकारी दिल्ली के बॉर्डर पर जमे, प्रधानमंत्री मोदी ने नए कृषि सुधारों का किया जिक्र नई दिल्ली: केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे हजारों किसान एक और सर्द रात सड़क पर बिताने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर अब भी जमे हुए हैं। वहीं, किसान नेता सरकार द्वारा प्रस्तावित रणनीति पर मंथन कर रहे हैं।

 केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप काफी विचार-विमर्श के बाद दिया जिनसे किसानों को ‘‘नए अधिकार और नए अवसर’’ मिले हैं।

किसानों के आंदोलन की वजह से कई सड़क और दिल्ली आने वाले रास्ते बंद हैं जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों से बुराड़ी मैदान में आकर प्रदर्शन करने की अपील की है और कहा कि वे जैसे ही निर्धारित स्थान पर जाएंगे, उसी समय केंद्र वार्ता को तैयार है।

शाह ने कहा किसानों के प्रतिनिधिमंडल को चर्चा के लिए तीन दिसंबर को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ किसान संगठनों ने तत्काल वार्ता करने की मांग की है और केंद्र बुराड़ी के मैदान में किसानों के स्थानांतरित होते ही वार्ता को तैयार है।

सिंघू बॉर्डर पर मौजूद बृज सिंह नामक किसान ने कहा, ‘‘भविष्य की रणनीति तय करने के लिए आज अहम बैठक होने वाली है। तब तक हम यहीं जमे रहेंगे बैठक के नतीजों के हिसाब से फैसला करेंगे। मांगें माने जाने तक हम प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे।’’

पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी शाह के प्रस्ताव पर कहा कि किसानों से जितनी जल्दी बातचीत होगी, उतना ही वह कृषि समुदाय और दिश के हित में होगा।

मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। किसानों की वर्षों से कुछ मांगें थीं और उन्हें पूरा करने के लिए हर राजनीतिक दल ने कभी न कभी वादा किया था, लेकिन वे कभी पूरी नहीं हुईं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं।’’

गौरतलब है कि संसद द्वारा मानसून सत्र में पारित तीन कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद कानूनों के रूप में लागू किया जा चुका है जिनका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और अनेक किसान सड़कों पर उतर आए हैं।

‘मन की बात’ में मोदी ने देशवासियों को बताया कि 1913 के आसपास वाराणसी के एक मंदिर से चुराई गई देवी अन्नपूर्णा की प्राचीन प्रतिमा को कनाडा से भारत वापस लाया जा रहा है।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शिक्षण संस्थानों से नई, नवोन्मेषी पद्धतियां अपनाने और पूर्व छात्रों को जोड़ने के लिहाज से रचनात्मक मंच तैयार करने को कहा। उन्होंने पूर्व छात्रों का भी अपने संस्थानों के लिए कुछ करते रहने का आह्वान किया।

मोदी ने गुरु नानक जयंती के एक दिन पहले देशवासियों को गुरु पर्व की बधाई देते हुए कहा, ‘‘दुनियाभर में सिख समुदाय ने गुरु नानक देव जी की प्रेरणा से शुरू की गई लंगर की परंपरा को कोरोना वायरस महामारी के समय में जारी रखकर मानवता की सेवा की है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष नवंबर में ही करतारपुर साहब कॉरिडोर का खुलना बहुत ही ऐतिहासिक रहा। मोदी ने कहा, ‘‘इस बात को मैं जीवनभर अपने हृदय में संजोकर रखूंगा।’’

प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही संग्रहालयों और पुस्तकालयों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आज देश में कई संग्रहालय और पुस्तकालय अपने संग्रह को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय में लगभग 10 डिजिटल दीर्घाएं शुरू करने का काम चल रहा है।
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