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हाईकोर्ट आदेश के बाद भी सट्टादारो के बकाये कमिशन का भुगतान नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण - एलोन
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Dec 26, 2018, 10:07 am IST
Keywords: Bihar News Sasaram News Rohtas News Ramayan Elon Suraj Kumar Pandey बिहार राज्य
![]() जिसे संघ के प्रयास से दुबारा 1978 में लागू करा लिया गया एवं सभी सट्टेदार नियमानुसार कार्य करते हुवे पटवन कर वसूली में सरकार का सहयोग करते रहे, लंबे समय तक सरकार द्वारा सट्टेदारो का पारिश्रमिक राशी (कमीशन) का भुगतान नहीं किये जाने से बिबस हो संघ को हाई कोर्ट जाना पड़ा। हाई कोर्ट द्वारा वाद संख्या CWJC-8662/98 एवं MJC-1269/01 में कोर्ट ने सट्टेदारो का सभी बकाया राशी 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान का आदेश दिया लेकिन सरकार द्वारा पटना,जहानवाद,अरवाल,औरंगवाद,बक्सर,रोहतास, कैमूर के सट्टेदारो को सिर्फ एक तिहाई राशि का ही भुगतान किया गया शेष राशी का भुगतान अब तक नही हो सका है। कोर्ट आदेश के 17 सालो बाद भी अब तक सरकार द्वारा पूर्ण रूप से इसे पालन नही किया जाना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही बरसो पुरानी सट्टेदारी प्रथा को समाप्त करने की साजिश सरकार कर रही है जिसे संघ द्वारा कभी सफल नहीं होने दिया जायेगा। उहोने अपने हक़ के लिए संघर्ष जारी रखने का आहवान सट्टेदारो से किया।साथ ही सट्टेदारो को परमिट निर्गत करने,अविलंब बकया कमीशन भुगतान करने,सट्टेदारो को चतुर्थबर्गीय कर्मचारी घोषित करने, नहरों का नियंत्रण कृषक समितियों को सौपने के नाम पर किसानों को गुमराह करना बंद कर पुरानी सिचाई ब्यवस्था सुदृढ़ करने,कदवन जलाशय एवं उतरी कोयल नहर का कार्य सीघ्र पूरा कराने की मांग सरकार से किया। सभा को सूर्यनाथ सिंह,सुग्रीव प्रसाद सिंह,शुशील कुमार दुबे,दिलीप कुमार सिन्हा,सत्यनारायण स्वामी,राजेंद्र सिंह,सेहरुदीन,बिरज कुमार पांडेय,रामानंद सिंह,ददन द्विवेदी,दिनेश शर्मा,अनिरुद्ध सिंह,शिवमूरत सिंह,काशीनाथ पांडेय,अजोध्या प्रजापति,बिजय राम,रामजी सिंह,रघुबीर राम,कुशुम देबी, देबी बसन्ती त्रिपाठी,सरदार अरविन्द सिंह सहित अन्य कई लोगो ने भी संबोघित किया। |
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