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बीजेपी और कांग्रेस में क्या है फर्क, राहुल ने दे दिया जवाब
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Jan 05, 2025, 11:18 am IST
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![]() कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि मुझे लगता है कि किसी भी सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है कि वह अपने नागरिकों के लिए बेहतरीन शिक्षा को यकीनी बनाए. उन्होंने आगे कहा क्वॉलिटी एजुकेशन का लक्ष्य निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहनों के ज़रिए हासिल नहीं किया जा सकता. कांग्रेस सांसद ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारों को शिक्षा पर ज्यादा खर्च करना चाहिए और सार्वजनिक संस्थानों को मजबूत करना चाहिए. राहुल ने कहा कि इसे निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहनों के ज़रिए से हासिल नहीं किया जा सकता. हमें शिक्षा पर ज्यादा खर्च करने और सरकारी संस्थानों को मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में यह बात दोहराई और बताया कि छात्रों के साथ उनकी बातचीत 'सफलता को नए तरीके से परिभाषित करने और भारत में शिक्षा को फिर से कल्पना करने' पर केंद्रित थी. उन्होंने कहा,'हमारी बातचीत इस पर केंद्रित थी कि कैसे छात्रों को पारंपरिक करियर से परे जाकर नवाचार अपनाने और अपनी रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.' उन्होंने यह भी कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली बच्चों की कल्पनाशीलता को पनपने नहीं देती. राहुल ने आगे कहा,'हमारा एजुकेशन सिस्टम में बहुत सिकुड़ा हुआ है और ऊपर से नीचे की तरफ चलता है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा,'वर्तमान में हमारा शिक्षा ढांचा अकसर युवाओं को कुछ करियर जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस, या सेना तक सीमित कर देता है.' राहुल गांधी ने बच्चों को नई चीजों की तरफ प्रेरित करने और प्रोडक्शन क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि असल में नई चीजें तभी संभव होंगी, जब उत्पादन को प्राथमिकता दी जाए और इस क्षेत्र में निवेश किया जाए. इस दौरान छात्रों ने उनसे पूछा कि कांग्रेस और भाजपा कैसे अलग हैं? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस संसाधनों को बाबरी के साथ बांटने और बड़े स्तर पर विकास में यकीन रखती है. जबकि बीजेपी ज्यादा आक्रामक रूप से विकास पर ध्यान देती है. उनका मानना है कि संसाधनों पर फोकस करें. वे आर्थिक नजरिये से इसे ट्रिकल डाउन कहते हैं. जबकि हम सामाजिक फ्रंट पर हम महसूस करते हैं कि समाज जितना ज्यादा सौहार्द से भरा होगा उतना ही लोग कम लड़ेंगे. |
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