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उत्तर प्रदेश में हर तरफ भगवा ही भगवा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Apr 30, 2017, 18:59 pm IST
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![]() मंत्री और विधायक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी निष्ठा का रंग दिखाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। मंत्री आमतौर से भगवा रंग वाली सदरी (नेहरू शैली के खादी जैकेट) पहने नजर आते हैं। महिला मंत्री नारंगी रंग की साड़ियों में एक से अधिक बार दिख जाती हैं। एकमात्र सिख मंत्री बलदेव ओलख भी अधिकांश मौकों पर भगवा रंग वाली पगड़ी बांधे हुए नजर आते हैं। योगी मंत्रिमंडल के एकमात्र मुस्लिम चेहरे मोहसिन रजा ने अब भगवा सदरी को पहनना लगभग अपनी आदत बना लिया है। उन्हें इसे भगवा रंग के कुर्ते के साथ पहने देखा जा सकता है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की कार का सीट कवर चमकदार नारंगी रंग वाला है और अधिकांश मंत्री चमकदार भगवा रंग के चंदन का टीका लगा रहे हैं। यह रंग योगी को कितना पसंद है, यह इससे भी साफ होता है कि जिन कुर्सियों पर वह बैठते हैं, वह नारंगी रंग से ढंकी होती हैं। उनके कार्यालय में सोफा, कुर्सी, सभी पर यही रंग चढ़ा हुआ है। और, जहां यह संभव नहीं है, जैसे कि कैबिनेट की बैठकों में, तो वहां परंपरागत सफेद तौलिये को नारंगी तौलिये से बदल दिया गया है। सरकारी अहलकार यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि योगी अगर कहीं सार्वजनिक समारोह को संबोधित करने जा रहे हैं तो माइक्रोफोन और इसका तार भगवा कपड़े में लिपटा हो। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "महाराज जी (योगी) को यह रंग बहुत पसंद है। इसलिए उन्हें और उनके मूड को खुश रखने के लिए..भगवा रंग की मौजूदगी को सुनिश्चित किया जाता है।" हाल ही में योगी समीक्षा बैठक के लिए बुंदेलखंड गए थे। वहां अफसरों की 'सतर्कता' का यह आलम था कि उन्होंने सभी अति विशिष्ट हस्तियों को पीने के लिए केवल 'ऑरेंज कोल्ड ड्रिंक' ही दिए। इसका नतीजा यह है कि उत्तर प्रदेश में योगी की नजर में चढ़ने के लिए उनकी सरकार बनने के बाद से ही लोगों में खुद को भाजपा का समर्थक बताने और दिखाने की होड़ सी मच गई है. जिसका नतीजा है कि केसरिया गमछा खरीदने की होड़ मच गयी. राजधानी लखनऊ से लेकर पूरब के चंदौली, वाराणसी और पश्चिम के गाजियाबाद तक क्या सांसद, क्या विधायक, आम भाजपा कर्यकर्ता भी भगवा रंग में रंग कर अपने को योगी समर्थक बताने में लगा है. लखनऊ के भाजपा कार्यालय में 10 साल से भी ज्यादा समय से दुकान लगाने वाले योगेश कुमार ने बताया कि, जब से यूपी में बीजेपी की सरकार बनी है. दुकानों पर प्रचार सामग्रियों की बिक्री में 5 से 10 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. वहीं दुकान पर भाजपा का झंडा, सिल्क का पट्टा, गले पर रखने वाला भगवा रंग का गमछाऔर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर वाले मोबाइल स्टिकर्स, चाभी रिंग जैसे सामान खरीदने वालों का ताता लगा हुआ है. आलम यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब केसरिया के इस्तेमाल पर कहा है कि समर्थक इस रंग की गरिमा बनाए रखें और याद रखें कि इसका दुरुपयोग रोब जमाने के लिए न हो, वरना बख्शा नहीं जाएगा. फिर भी रंग हमेशा से ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण रहे हैं। मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में यह रंग नीला था जबकि समाजवादी रंग लाल और हरा था। और अब, हर तरफ भगवा है। |
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