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दुनिया को भारत की रिकॉर्ड उपलब्धि पर आश्चर्य, विदेशी मीडिया बोला सलाम इंडिया
जनता जनार्दन डेस्क ,
Feb 16, 2017, 11:24 am IST
Keywords: इसरो सैटेलाइट दुनिया की मीडिया साइंस Polar satellite launch vehicle Isro Indian space research organisation Global space race
![]() डॉ. विक्रम साराभाई द्वारा 15 अगस्त 1969 में इसरो की स्थापना की गई थी। तब देश के वैज्ञानिक पहला रॉकेट साइकल से प्रक्षेपण स्थल तक ले गए थे। दूसरा रॉकेट काफी भारी और बड़ा था इसलिए उसे बैलगाड़ी पर लादकर प्रक्षेपण स्थल तक ले जाया गया। उस वक्त नारियल के पेड़ों को लांचिंग पैड बनाया गया था। अमेरिकी मीडिया ने माना कि तब किसी को नहीं पता था कि आगे चलकर इसरो का हाथ थामना दुनिया के किसी भी देश के लिए आसान नहीं रह जाएगा। प्रसिद्ध अखबार ‘दि वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने रूस को मात दे दी है। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने अंतरिक्ष के इस सफर को ‘सलाम इंडिया’ कहते हुए सराहना की। ‘सीएनएन’ ने कहा कि अब अमेरिका वर्सेस रूस को भूल जाइए क्योंकि मैदान में भारत आ चुका है। जर्मनी की प्रख्यात रेडियो सेवा ‘दाइचे वेले’ ने भारत द्वारा 104 सेटेलाइटों की लांचिंग के तुरंत बाद अपने समाचारों में कहा कि - ‘भारत ने बड़ा जोखिम उठाया है क्योंकि असफलता आलोचना का तूफान लेकर आती, लेकिन इसरो ने सफलता का इतिहास रचकर दुनिया के ताकतवर देशों को चुनौती दे दी है।’ चीन की समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ ने भारत द्वारा रूस का रिकॉर्ड तोड़ने की तारीफ की है। लंदन के ‘टाइम्स’ समाचार पत्र ने कहा है कि दुनिया के अंतरिक्ष क्लब में भारत ने जोरदार ढंग से एंट्री की है। यूके के ‘गार्जियन’ समाचार पत्र ने टिप्पणी की कि भारत अंतरिक्ष में एक साथ रिकॉर्ड उपग्रहों को छोड़कर निजी स्पेस बाजार में गंभीर खिलाड़ी के रूप में आगे बढ़ा है। ‘बीबीसी’ ने कहा कि आज का सफलता इस बात का संकेत है कि भारत अंतरिक्ष बाजार के अरबों डॉलर के बाजार में तेजी से उभरेगा। |
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