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दिल्ली में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के बिना पेट्रोल नहीं, सिर्फ BS-6 गाड़ियों को एंट्री

जनता जनार्दन संवाददाता , Dec 18, 2025, 12:22 pm IST
Keywords: दिल्ली   पॉल्यूशन सर्टिफिकेट   पेट्रोल   BS-6   ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान   pollution control  
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दिल्ली में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के बिना पेट्रोल नहीं, सिर्फ BS-6 गाड़ियों को एंट्री

नई दिल्ली: दिल्ली में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए गुरुवार से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है. इस नए चरण के तहत राजधानी में सिर्फ BS-6 मानक वाले वाहन ही प्रवेश कर सकेंगे. अन्य राज्यों के कम मानक वाले निजी वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी गई है.

इस कदम का असर न केवल दिल्ली में ट्रैफिक पर पड़ेगा, बल्कि गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद से रोजाना आने-जाने वाले लगभग 12 लाख वाहनों पर भी पड़ने की संभावना है. आंकड़ों के अनुसार, नोएडा से 4 लाख, गुरुग्राम से 2 लाख और गाजियाबाद से 5.5 लाख वाहन अब दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.

“नो PUC, नो फ्यूल” नियम लागू

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली में नो PUC, नो फ्यूल नियम भी लागू कर दिया गया है. इसका मतलब है कि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट के बिना कोई भी वाहन पेट्रोल, डीजल या CNG नहीं भर सकता. पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे लगाकर PUC सर्टिफिकेट नहीं रखने वाले वाहनों की पहचान की जाएगी.

इस उपाय का उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले पुराने और अवैध वाहनों की संख्या को नियंत्रित करना और राजधानी की हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है.

छूट और जरूरी सेवाओं के लिए नियम

GRAP-4 के तहत कुछ वाहनों को छूट दी गई है. इनमें शामिल हैं:

  • CNG वाहन
  • इलेक्ट्रिक वाहन
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट (बस, टैक्सी, ऑटो आदि)
  • आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन

वहीं, निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. ट्रैफिक जाम रोकने और मार्गों को सुचारू रखने के लिए 100 हॉटस्पॉट्स पर गूगल मैप की मदद ली जाएगी. नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन जब्ती, जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई पर्यावरण अधिनियम, 1986 के तहत की जाएगी.

वर्क फ्रॉम होम और स्कूलों पर प्रभाव

दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया है.

शैक्षिक संस्थानों में भी बदलाव किया गया है:

  • प्राइमरी स्कूलों में सभी बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी.
  • सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों को अपनी मर्जी से ऑनलाइन या फिजिकल क्लास चुनने का विकल्प दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने दी नई दिशा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रदूषण के प्रति कड़ा रुख अपनाया. कोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और दिल्ली नगर निगम (MCD) को निर्देश दिया कि राजधानी की सीमाओं पर बने 9 टोल प्लाजा को अस्थायी रूप से बंद या हटाया जाए ताकि ट्रैफिक जाम न बढ़े.

CJI सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सिर्फ नए नियम और प्रोटोकॉल बनाना पर्याप्त नहीं है. आवश्यक है कि मौजूदा उपायों को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए. इसके साथ ही पुराने वाहनों पर कार्रवाई की अनुमति भी दी गई, जो BS-4 उत्सर्जन मानकों के अनुरूप नहीं हैं. कोर्ट ने 12 अगस्त के पुराने आदेश में संशोधन किया है, जिसमें पहले 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर कार्रवाई रोक दी गई थी.

निर्माण मजदूरों के लिए मुआवजा

दिल्ली सरकार ने सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में ₹10,000 का मुआवजा देने का फैसला किया है. यह घोषणा पर्यावरण मंत्री कपिल मिश्रा ने की.

17 दिसंबर तक, GRAP-3 फेज के दौरान दिल्ली में निर्माण कार्य बंद रहे. इसके कारण मजदूरों की आय प्रभावित हुई थी. GRAP-4 लागू होने के बाद भी इस तरह के निर्माण पर प्रतिबंध जारी रहेगा, लेकिन सरकार ने मुआवजा राशि के जरिए उन्हें आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था की है.

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