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दिल्ली-एनसीआर में रौशनी के साथ ज़हरीली हवा भी लेकर आया

जनता जनार्दन संवाददाता , Oct 20, 2025, 8:49 am IST
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दिल्ली-एनसीआर में रौशनी के साथ ज़हरीली हवा भी लेकर आया

दिवाली का त्योहार इस बार दिल्ली-एनसीआर में रौशनी के साथ ज़हरीली हवा भी लेकर आया है. राजधानी की हवा फिर से सांस लेने लायक नहीं रह गई है. त्योहार की सुबह दिल्लीवासियों को खुशबू नहीं, बल्कि धुएं और प्रदूषण से भरी हवा ने चौंका दिया. सोमवार, 20 अक्टूबर को जब पूरा देश दीपावली मना रहा है, उस समय दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार जा पहुंचा है, जिसे “सीवियर” कैटेगरी में रखा जाता है.

सुबह 5 बजे आनंद विहार में AQI 417 रिकॉर्ड किया गया, जबकि दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही. वजीरपुर, विवेक विहार, द्वारका और आरके पुरम जैसे क्षेत्रों में एक्यूआई 320 से 360 के बीच पहुंच गया. यह आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मॉनिटरिंग स्टेशनों से सामने आए हैं. पूरे दिल्ली क्षेत्र में 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 24 पर हवा “बहुत खराब” की श्रेणी में दर्ज की गई. कई स्थानों पर रविवार रात से ही हवा की गुणवत्ता तेजी से गिर रही थी, जो दिवाली की सुबह तक और बिगड़ गई.

आतिशबाजी से हालात और बिगड़ने की आशंका

विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली की रात अगर पारंपरिक आतिशबाजी की गई, तो AQI का स्तर 1000 के पार भी जा सकता है — जो किसी भी शहर के लिए खतरनाक स्थिति मानी जाती है. ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. दिल्ली में पहले की तरह पूर्ण प्रतिबंध के बजाय इस बार ग्रीन पटाखों को सीमित समय के लिए जलाने की अनुमति दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिवाली की पूर्व संध्या पर सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक और दिवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं.

दिल्ली सरकार ने ग्रीन पटाखों की दी अनुमति

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर लोगों से अपील की है कि वे केवल ग्रीन पटाखों का ही उपयोग करें और त्योहार को शांतिपूर्ण व पर्यावरण के अनुकूल मनाएं. उन्होंने कहा, "दिल्ली मेरा परिवार है और इस पर्व पर मैं इस परिवार के हर सदस्य के सुखद भविष्य की कामना करती हूं." ग्रीन पटाखों से होने वाले प्रदूषण की मात्रा पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम होती है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि बड़े पैमाने पर इनका इस्तेमाल भी वायु गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है.

अरब सागर में बन रहा है नया सिस्टम, बारिश की आशंका

दूसरी ओर, मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि अरब सागर में एक नया मौसमी सिस्टम विकसित हो रहा है, जिसके चलते महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अगले कुछ दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है. इससे इन इलाकों में दिवाली के आसपास मौसम का मिज़ाज बदल सकता है.

डॉक्टरों की चेतावनी: मास्क पहनना जरूरी

दिल्ली जैसे शहरों में खराब हवा का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने साफ कहा है कि लोगों को घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनना अनिवार्य करना चाहिए, खासकर N95 जैसे मास्क, जो पीएम 2.5 कणों को रोक सकते हैं. अस्पतालों में सांस की शिकायतों वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में, स्वास्थ्य विभाग ने भी लोगों से कहा है कि दिवाली के दौरान जितना हो सके, घर के अंदर रहें और साफ हवा में रहने की कोशिश करें.

दिवाली का जश्न या स्वास्थ्य संकट?

हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली दिवाली के साथ प्रदूषण के गंभीर संकट का सामना कर रही है. त्योहार की खुशी के बीच स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे में जरूरत है सामूहिक ज़िम्मेदारी निभाने की — जहां लोग अपने स्तर पर पटाखों का सीमित या न के बराबर इस्तेमाल करें, बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल करें और पर्यावरण के प्रति सजग रहें.

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