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गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री रवि नाइक का 79 वर्ष की उम्र में निधन
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Oct 15, 2025, 19:39 pm IST
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![]() गोवा की राजनीति में दशकों तक सक्रिय रहे पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा कृषि मंत्री रवि नाइक का बुधवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. 79 वर्षीय रवि नाइक अपने पैतृक शहर पोंडा में थे, जहां उन्हें देर रात कार्डियक अरेस्ट हुआ. नजदीकी अस्पताल ले जाने के बावजूद डॉक्टर्स उन्हें बचा नहीं सके और रात करीब 1 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. रवि नाइक का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान खड़पाबंध, पोंडा लाया गया, जहां हजारों समर्थकों और स्थानीय लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. उनका अंतिम संस्कार बुधवार दोपहर 3 बजे किया जाएगा. वह अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र, बहू और तीन पोतों को छोड़ गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने जताया शोक रवि नाइक के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें “गोवा की प्रगति में योगदान देने वाला एक समर्पित जनसेवक” बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि रवि नाइक जी के निधन से दुखी हूं. वे एक अनुभवी प्रशासक और जनसेवा के लिए समर्पित नेता थे, जिन्होंने गोवा की विकास यात्रा को समृद्ध किया. वे वंचितों और हाशिए पर खड़े वर्गों को सशक्त बनाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम् शांति.” गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने उन्हें ‘गोवा की राजनीति का स्तंभ’ करार देते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने लिखा कि हमारे वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री श्री रवि नाइक जी के निधन से गहरा दुख हुआ है. वे गोवा की राजनीति के एक मजबूत स्तंभ थे, जिन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए राज्य की सेवा की. उनके नेतृत्व, सरलता और समाजसेवा के प्रति समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा. कौन थे रवि नाइक? रवि नाइक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1984 में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) से की थी और उसी साल पोंडा से पहली बार विधायक चुने गए. 1989 में उन्होंने मरकैम सीट से जीत दर्ज की. इसके बाद उन्होंने कई बार पोंडा का प्रतिनिधित्व किया 1999, 2002, 2007 और 2017 में कांग्रेस की ओर से और 2022 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता. उन्होंने दो बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली. पहली बार जनवरी 1991 से मई 1993 तक, जब वे प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट के तहत गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे. दूसरी बार 1994 में वे केवल छह दिन (2 अप्रैल से 8 अप्रैल तक) के लिए मुख्यमंत्री रहे जो गोवा के इतिहास की सबसे छोटी अवधि है. 1998 में वे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर उत्तर गोवा से लोकसभा सांसद भी चुने गए थे. |
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