दुनिया में हर छठे व्यक्ति को इनफर्टिलिटी, लैपटॉप और Wi-Fi से घट रही फर्टिलिटी

जनता जनार्दन , Jun 09, 2025, 17:00 pm IST
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दुनिया में हर छठे व्यक्ति को इनफर्टिलिटी, लैपटॉप और Wi-Fi से घट रही फर्टिलिटी

नई दिल्ली: क्या आप भी लैपटॉप गोद में रखकर घंटों काम करते हैं? अगर हां, तो ये आदत आपकी फर्टिलिटी को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, दुनिया में हर छठा व्यक्ति इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहा है. भारत में भी करीब 15-20% कपल्स इससे प्रभावित हैं, जिनमें से करीब आधे मामले पुरुषों की इनफर्टिलिटी के कारण होते हैं.

आइए जानते हैं कि लैपटॉप और वाई-फाई आपकी फर्टिलिटी को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं और आपको इससे कैसे बचना चाहिए.

लैपटॉप: सीधा असर स्पर्म काउंट पर

टेस्टिकल्स (अंडकोष) का काम शरीर में स्पर्म बनाना होता है. इसके लिए उनका तापमान शरीर के सामान्य तापमान से थोड़ा कम होना चाहिए. जब आप लैपटॉप को लंबे समय तक गोद में रखते हैं, तो उसकी गर्मी टेस्टिकल्स का तापमान बढ़ा देती है, जिससे स्पर्म बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है. धीरे-धीरे स्पर्म काउंट और क्वालिटी दोनों में गिरावट आ सकती है.

वाई-फाई: नजरअंदाज न करें इसका खतरा

अगर आप लैपटॉप को वाई-फाई से कनेक्ट करके गोद में रखते हैं, तो रिस्क और भी बढ़ जाता है. वाई-फाई से निकलने वाली रेडिएशन सीधे टेस्टिकल्स को नुकसान पहुंचा सकती है. इससे स्पर्म की क्वालिटी गिर सकती है, उनकी मूवमेंट (motility) कम हो सकती है और डीएनए भी डैमेज हो सकता है.

कितनी जल्दी असर दिखता है?

स्पर्म बनने की पूरी प्रक्रिया करीब 74 दिन यानी ढाई महीने में पूरी होती है. अगर आप रोज़ इस तरह से लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं तो 2-3 महीनों में स्पर्म काउंट और क्वालिटी में गिरावट नजर आने लगती है. अच्छी बात ये है कि अगर आप समय रहते आदतें बदल लें, तो ये नुकसान धीरे-धीरे ठीक हो सकता है.

सिर्फ लैपटॉप नहीं, मोबाइल और टैबलेट में भी रिस्क

मोबाइल और टैबलेट से भी हल्की गर्मी और रेडिएशन निकलती है. अगर इन्हें लगातार गोद में या पेट के पास रखकर इस्तेमाल किया जाए, तो लंबे समय में इसका असर भी टेस्टिकल्स पर पड़ सकता है. हालांकि खतरा लैपटॉप जितना गंभीर नहीं है, लेकिन फिर भी सावधानी जरूरी है.

अगर इनफर्टिलिटी का इलाज ले रहे हैं तो क्या करें?

अगर आप फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले रहे हैं, तो लैपटॉप और मोबाइल को गोद में रखने से बचना बहुत जरूरी है. इस दौरान शरीर स्पर्म को सुधारने की कोशिश करता है और लैपटॉप या मोबाइल से निकलने वाली गर्मी या रेडिएशन इस सुधार में रुकावट डाल सकती है.

लैपटॉप इस्तेमाल करते समय इन बातों का रखें ध्यान-

  • कभी भी लैपटॉप को सीधे गोद में न रखें. हमेशा टेबल या लैपटॉप स्टैंड का इस्तेमाल करें.
  • अगर टेबल नहीं है तो कूलिंग पैड या लैपटॉप ट्रे का उपयोग करें.
  • हर 30-40 मिनट में थोड़ा ब्रेक लें, ताकि शरीर को गर्मी से राहत मिले.
  • वाई-फाई से कनेक्ट लैपटॉप को शरीर से थोड़ी दूरी पर रखें.
  • बहुत टाइट कपड़े न पहनें, ताकि शरीर में हवा लगती रहे और तापमान न बढ़े.

छोटा बदलाव, बड़ी सुरक्षा

लैपटॉप और मोबाइल हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं, लेकिन उनकी सही तरीके से इस्तेमाल करना भी उतना ही जरूरी है. अगर आप छोटी-छोटी सावधानियां अपनाएं, तो फर्टिलिटी पर आने वाले खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है.

अगर आपको इस तरह की आदतें पहले से हैं, तो आज से ही सुधार करना शुरू करें. आपकी सेहत आपके हाथ में है!

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