कई युवाओं पेट्रोल की गंध सूंघना अच्छा लगता है लेकिन ये एक काफी बुरी लत है
जनता जनार्दन संवाददाता ,
Feb 23, 2022, 13:16 pm IST
Keywords: Sniffing Petrol Non-Sniffable Petrol ओपल गंध मुक्त पेट्रोल सुगंधित हाइड्रोकार्बन Aromatic Hydrocarbons Lead Central Nervous System
नई दिल्ली: आमतौर पर कई युवाओं पेट्रोल की गंध सूंघना अच्छा लगता है लेकिन ये एक काफी बुरी लत है. इसे स्नीफिंग पेट्रोल या स्नीफिंग गैसोलीन के नाम से जाना जाता है. पेट्रोल सूंघने से नशा आता है जो सेहत के लिए नुकसानदेह है क्योंकि इसका सीधा असर हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर पड़ता है.
पेट्रोल की गंध का गहरा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है इसमें मौजूद लेड (lead) कई बीमारियों की जड़ है, जो मौत का कारण भी बन सकती है. यंग जेनेरेशन में इस लत का फैलना चिंता का विषय है. कई लोग इसे ड्रग्स के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. सेहत को इससे कई नुकसान होते हैं. सांस लेने मे तकलीफ -गले में दर्द या जलन -मल में खून -सिर में चक्कर आना -चिड़चिड़ापन -मूड स्विंग -कम भूख लगना -नींद की कमी -डिप्रेशन -बेहोशी -तेज सिरदर्द -ज्यादा थकान -शरीर की कमजोरी -एसोफैगस में जलन -पेट में दर्द -नजर का कमजोर होना -खून के साथ या इसके बिना उल्टी अपने करीबियों पर नजर रखें कि कही वो पेट्रोल तो नहीं सूंघ रहा. -पेट्रोल पंप पर तेल भराने के वक्त मास्क का इस्तेमाल करें. -टेंशन को दूर करने के लिए पेट्रोल सूंघने की आदत नहीं लगाएं. -इस परेशानी को लेकर समाज में जागरूकता फैलानी की जरूरत. -किसी शख्स की ये लत नहीं छूट रही तो उसे रिहैब में भेजें. लोगों को पेट्रोल सूंघने की लत से आजादी दिलाने के लिए ओपल नामक गंध मुक्त पेट्रोल को लॉन्च किया गया था जिसमें लेड की मात्रा काफी कम होती है और इसमें सुगंधित हाइड्रोकार्बन का भी कम इस्तेमाल होता है. इसके उपयोग को बढ़ावा देने से पेट्रोल सूंघने की आदत में कमी लाई जा सकती है, लेकिन ओपल इतना महंगा है कि इसे भारत जैसे देशों में बढ़ावा देना मुश्किल है. |
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