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सरकार चलाने के लिए सिर्फ बहुमत जरूरी, लेकिन देश चलाने के लिए?

जनता जनार्दन संवाददाता , Jun 07, 2024, 17:55 pm IST
Keywords: NDA Government   Formation Updates   एनडीए संसदीय दल   प्रधानमंत्री मोदी   राजनीतिक इतिहास   
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सरकार चलाने के लिए सिर्फ बहुमत जरूरी, लेकिन देश चलाने के लिए? एनडीए संसदीय दल की बैठक में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह गठबंधन हिंदुस्तान की राजनीतिक इतिहास का सबसे सफल प्री पोल एलायंस है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत जरूरी है. क्योंकि लोकतंत्र का यही सिद्धांत है. लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी है. आज मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस तरह से बहुमत देकर हमें सरकार चलाने का मौका दिया है. यह हम सबका दायित्व है कि हम सर्वमत करने का प्रयास करेंगे और देश को आगे ले जाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने आगे कहा कि एनडीए गुड गवर्नेंस का पर्यायवाची बन गया है. हम सबके लिए गरीब का कल्याण केंद्र बिंदु में रहा है. देश की जनता ने पहली बार अनुभव किया है कि सरकार क्या होती है, सरकार किसके लिए होती है ऐर सरकार कैसे काम करती है. उन्होंने कहा कि अगले दस साल में एनडीए लोगों को गुड गर्वनेंस, विकास, महिलाओं के जीवन क्वालिटी ऑफ लाइफ की गारंटी देता है. हम सब मिलकर विकसित भारत के सपनों को साकार करके रहेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि यह सबसे सफल एलायंस है. यह एलायंस चौथे टर्म में प्रवेश कर रहा है. एनडीए राष्ट्र प्रथम की भावना के लिए बना समूह है. एनडीए की यह भावना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रकाश सिंह बादल, बाला साहेब ठाकरे, जॉर्ज फर्नांडिस, शरद यादव जैसे नेताओं की देन है. इन लोगों ने जो बीज बोया था, आज भारत की जनता ने विश्वास से संचित करके वृक्ष बना दिया है. हमें ऐसे नेताओं पर गर्व है.

बैठक में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दक्षिण भारत में एनडीए ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत किया है. कर्नाटक और तेलंगाना में तो अभी तो उनकी सरकारें बनी थी लेकिन पल भर में लोगों का विश्वास टूट गया और एनडीए को गला लगा लिया. आज भले ही तमिलनाडु में सीट नहीं जीत पाए हैं लेकिन जिस तेजी से एनडीए का वोट शेयर बढ़ा है वो साफ-साफ संदेश रहा है कि कल क्या लिखा हुआ है. केरल में हमारे सैकड़ों कार्यकर्ता ने बलिदान दिया है. एलडीए हो या यूडीएफ हो. शायद हिंदुस्तान के राजनीतिक जीवन में इतना जुल्म एक विचारधार के साथ जीने वाले लोगों पर हुआ होगा तो वो केरल में हुआ होगा. जम्मू कश्मीर से भी ज्यादा हुआ है. लेकिन इसके बावजूद आज पहली बार केरल से हमारा प्रतिनिधि चुना गया. आंध्र प्रदेश में एनडीए का प्रदर्शन ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्यादा है. एनडीए के सहयोगी पवन, पवन नहीं आंधी है.


इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि रिजल्ट जब आ रहे थे तो मैंने कहा कि ये आंकड़ें तो ठीक हैं लेकिन ये बताओं की ईवीएम जिंदा है कि मर गया? क्योंकि ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और उसकी प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास ही उठ जाए. ये लोग लगातार ईवीएम को गाली दे रहे थे. मुझे तो ये लगा था कि इस बार वो लोग ईवीएम की अर्थी निकालना शुरू कर देंगे. लेकिन 4 जून को ईवीएम ने उनको चुप करा दिया. ये ताकत है भारत की लोकतंत्र की. ये ताकत है भारत की निष्पक्षता की. ये ताकत है भारत के चुनाव आयोग की.
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