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एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष भोपाल में 3-6 अगस्त तक
के. श्रीनिवासराव ,
Aug 01, 2023, 19:07 pm IST
Keywords: एशिया अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव महामहिम राष्ट्रपति President Sahitya Utsav 2023 श्रीनिवासराव
![]() नई दिल्ली: एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव ‘उन्मेष’ का आयोजन भोपाल शहर में 3 से 6 अगस्त 2023 के दौरान किया जा रहा है। उत्सव के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि ‘उन्मेष’ भारत का सबसे समावेशी साहित्य उत्सव है और भाषाओं की संख्या के प्रतिनिधित्व के मामले में यह एशिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव तो है ही परंतु जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य उत्सव बनने की राह पर है। आगे उन्होंने कहा कि ‘उन्मेष’ के हर संस्करण में हम नए विषयों को जोड़ने का प्रयास करते हैं ताकि लेखकों के नए समूह को चर्चा में शामिल होने का अवसर मिल सके और उनकी सृजनात्मकता को नई दिशाएँ प्राप्त हो सकें।
इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव के साथ ही संगीत नाटक अकादेमी द्वारा ‘उत्कर्ष’ शीर्षक से लोक एवं जनजातीय प्रदर्शनकारी कलाओं का राष्ट्रीय उत्सव भी आयोजित किया जा रहा है। इन दोनों समारोहों का उद्घाटन भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री, भारत सरकार, माननीय श्रीमती मीनाक्षी लेखी एवं भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती उमा नंदूरी भी उपस्थित रहेंगी। आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित हो रहे इस उत्सव को साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन संयुक्त रूप से आयोजित कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष जो कि अभिव्यक्ति का उत्सव है, में 75 से अधिक कार्यक्रमों में 100 भाषाओं के 575 से अधिक लेखक सहभागिता कर रहे हैं। भारत के अतिरिक्त 13 अन्य देशों के लेखक भी उत्सव में शामिल होंगे।
ज्ञात हो कि ‘उन्मेष’ का यह दूसरा संस्करण है। पहला आयोजन गत वर्ष जून में शिमला में किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में, बहुभाषी कविता और कहानी पाठ के अलावा कई अन्य ऐसे विषय हैं जिन पर पहली बार चर्चा होगी। ये विषय हैंः चिकित्सकों का साहित्य, सागर साहित्य, मशीनों का उदय - लेखकविहीन साहित्य?, रचनात्मकता बढ़ाने वाली शिक्षा, अनुवाद, प्रगति का संचालक और आलोचनात्मक विचार, योग साहित्य, साहित्य एवं प्रकृति, ई-साहित्य आदि। अन्य महत्त्वपूर्ण विषय जिन पर चर्चा होगी वे हैंः भारतीय काव्यशास्त्र, भारतीय भक्ति साहित्य, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीय नाटकों में अलगाव का सिद्धांत, विविधता में एकता, भारत की सौम्य शक्ति, सिनेमा और साहित्य, विदेशी भाषाओं में भारतीय साहित्य का प्रचार-प्रसार, मातृभाषाओं का महत्त्व, फंतासी और विज्ञान कथासाहित्य, नारीवाद और साहित्य, आदिवासी लेखन और हाशिये का स्वर - उत्पीड़ितों का उत्थान आदि।
इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में देश-विदेश के महत्त्वपूर्ण लेखक, विद्वान, पत्रकार, अनुवादक, प्रकाशक, संस्कृतिकर्मी, नाट्यकर्मी, फिल्मकार भाग ले रहे हैं। इतना ही नहीं तीन राज्यों के राज्यपाल - केरल के माननीय राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान, छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन, तेलंगाना राज्य की माननीय राज्यपाल तमिलिसाई सौंदराराजन भी पधार रहे हैं। भारत में फिजी के राजदूत कमलेश शशि प्रकाश के अतिरिक्त एस.एल. भैरप्पा, शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित, वी. कामकोटि, चंद्रशेखर कंबार, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, संजय रॉय, जयंत महापात्र, ऑस्कर पुयोल, तुलसी दिवस, एम.ए. आलवार, सुरेश गोयल, गिरीश्वर मिश्र, चित्रा दिवाकारुणी, विष्णु दत्त राकेश, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, लिंडा हेस, मामि यामदा, अमीश त्रिपाठी, सोनल मानसिंह, चित्रा मुद्गल, रघुवीर चैधरी, ममता कालिया, महेश दत्तानी, वामन केंद्रे, प्रयाग शुक्ल, सुरजीत पातर, नवतेज सरना, विश्वास पाटिल, नमिता गोखले, महेंद्र कुमार मिश्र, शीन काफ़ निज़ाम, वासमल्ली के., अरुण कमल, गोविंद मिश्र, लीलाधर जगूड़ी और उषा किरण खान आदि भी उपस्थित रहेंगे।
संगीत नाटक अकादेमी द्वारा आयोजित उत्कर्षः लोक एवं जनजातीय प्रदर्शनकारी कलाओं का राष्ट्रीय महोत्सव में प्रतिदिन शाम को होनेवाले रंगारंग कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों के कलाकार हिस्सेदारी करेंगे।
उत्सव के दौरान साहित्य अकादेमी तथा अन्य साहित्यिक संस्थाओं की पुस्तकें भी आकर्षक छूट पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी।
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