साहित्य अकादेमी द्वारा दलित चेतना कार्यक्रम आयोजित

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 15, 2025, 19:55 pm IST
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साहित्य अकादेमी द्वारा दलित चेतना कार्यक्रम आयोजित
नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित दलित चेतना कार्यक्रम में छह रचनाकारों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। महेंद्र सिंह बेनीवाल, ममता जयंत, नामदेव एवं नीलम ने कविताएँ सुनाईं और पूरन सिंह एवं टेकचंद ने कहानियाँ प्रस्तुत कीं। सभी ने अपनी प्रस्तुतियों में बाबासाहेब की मूल शिक्षाओं और उनके उस दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया जिसके सहारे एक भेदभाव रहित समाज तैयार हो सके। सर्वप्रथम  ममता जयंत ने अपनी पाँच कविताएँ प्रस्तुत कीं, जिनके शीर्षक थे - सभी ने छुआ था, जीवित इमारतें, ईश्वर, नहीं चाहिए एवं  बहेलियों के नाम। नामदेव  ने बाबा भीम, गाड़ीवान, कुआँ एवं पहचान शीर्षक से अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं, जो बाबासाहेब के सपनों की वर्तमान  स्थितियों को दर्शाती थीं। 

नीलम की कविताओं के शीर्षक थे - सबसे बुरी लड़की, नई दुनिया के रचयिता, तुम्हारी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे हम एवं उठो संघर्ष करो। 'सबसे बुरी लड़की' कविता स्त्री अधिकारों और समानता को पाने हेतु संघर्ष करने के लिए प्रेरित करती है। महेंद्र सिंह बेनीवाल ने  तस्वीर, और कब तक मारे जाओगे, भेड़िया और आग शीर्षक से कविताएँ प्रस्तुत कीं, जो आधुनिक समाज की दोहरी मानसिकता को बहुत सटीक ढंग से हमारे सामने लाती हैं।

टेकचंद द्वारा प्रस्तुत कहानी का शीर्षक था- 'गुबार'। इसमें दलितों के कुछ समुदायों के बीच अज्ञानता की गहरी जड़ों को बेहद सहज अंदाज़ में दिखाया गया था। अंत में, पूरन सिंह ने अपनी कहानी - 'हवा का रुख'  का पाठ किया, जो विभिन्न दबाबों के फलस्वरूप एक लेखक को समझौते करने की विडंबना पर केंद्रित थी।  कार्यक्रम का संचालन संपादक (हिंदी) अनुपम तिवारी ने किया। कार्यक्रम में भारी संख्या में लेखक, पत्रकार और युवा विद्यार्थी मौजूद थे।
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