मोदी-पुतिन शिखरवार्ता के बाद भारत, रूस ने आठ समझौते पर किए हस्ताक्षर

मोदी-पुतिन शिखरवार्ता के बाद भारत, रूस ने आठ समझौते पर किए हस्ताक्षर नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों ने आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, रेलवे समेत कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग के विषय शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 19वें भारत रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की और अनेक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्ता के बाद भारत, रूस ने पांच अरब डॉलर के एस-400 वायु रक्षा प्रणाली समझौते पर हस्ताक्षर किए।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त संवाददाता संबोधन में कहा कि भारत- रूस मैत्री अपने आप में अनूठी है। इस विशिष्ट रिश्ते के लिए राष्ट्रपति पुतिन की प्रतिबद्धता से इन संबंधों को और भी ऊर्जा मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच प्रगाढ़ मैत्री और सुदृढ़ होगी और हमारी विशेष और विशिष्ट सामरिक गठजोड़ को नई बुलंदियां प्राप्त होंगी।

मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता ने भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दी है ।

वहीं, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि आतंकवाद एवं मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे से निपटने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।

दूसरी ओर, दोनों देशों के बीच हुए समझौते को संबंधों को नई दिशा प्रदान करने वाला करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानव संसाधन विकास से लेकर प्राकृतिक संसाधनों तक, कारोबार से लेकर निवेश तक, नाभिकीय ऊर्जा के शान्तिपूर्ण सहयोग से लेकर सौर ऊर्जा तक, प्रौद्योगिकी से लेकर बाघ संरक्षण तक, सागर से लेकर अंन्तरिक्ष तक....भारत और रूस के सम्बन्धों का और भी विशाल विस्तार होगा ।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष, अफगानिस्तान तथा हिंद प्रशांत के घटनाक्रम, जलवायु परिवर्तन, एससीओ, ब्रिक्स जैसे संगठनों एवं जी20 तथा आसियान जैसे संगठनों में सहयोग करने में हमारे दोनों देशों के साझा हित हैं।

मोदी ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अपने लाभप्रद सहयोग को जारी रखने पर सहमत हुए हैं।’ दोनों देशों ने बदलते विश्व में बहु-ध्रुवीय और बहु-स्तरीय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर एकमत होरे पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने भारत के अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ में पूर्ण सहयोग देने का अश्वासन पर रूसी राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया ।

भारत और रूस ने शुक्रवार को 5 अरब डालर के एस..400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा के बाद इस सौदे पर हस्ताक्षर किये गए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी ।

इस समझौते पर प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मौजूदगी में हस्ताक्षर किये गए।

इस सौदे पर ऐसे समय में हस्ताक्षर किये गए हैं जब अमेरिका की ओर से रूस से हथियार खरीद पर ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट’ (सीएसएसटीएसए) के तहत प्रतिबंध लग सकता है।

अमेरिका ने अपने सहयोगियों से रूस के साथ लेनदेन नहीं करने का आग्रह किया है और चेताया है कि एस..400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली जिसे भारत खरीदना चाहता है, वह मुख्य विषय होगा जिस पर दंडात्मक प्रतिबंध को अमल में लाया जा सकता है ।

अमेरिकी सांसदों ने इंगित किया है कि इस पर राष्ट्रपति की ओर से छूट मिलने की संभावना है ।

भारत 4000 किलोमीटर लम्बी चीन..भारत सीमा के मद्देनजर अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिये लम्बी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल प्रणाली चाहता है।

एस..400 रूस की सबसे आधुनिक लम्बी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली मानी जाती है ।
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