रवीन्द्रनाथ त्यागी स्मृति सम्मान 2018: डाॅ. शेरजंग गर्ग को शीर्ष सम्मान, डॉ लालित्य ललित को सोपान सम्मान

रवीन्द्रनाथ त्यागी स्मृति सम्मान 2018: डाॅ. शेरजंग गर्ग को शीर्ष सम्मान, डॉ लालित्य ललित को सोपान सम्मान नई दिल्लीः प्रख्यात साहित्यकार श्रीमती चित्रा मुद्गल की अध्यक्षता में 7 अप्रैल को रवीन्द्रनाथ त्यागी स्मृति सम्मान निर्णायक- समिति की बैठक हुई। बैठक में निर्णायक समिति के सदस्य डॉ कमलकिशोर गोयनका, डॉ प्रताप सहगल, डॉ हरीश नवल, डॉ प्रेम जनमेजय तथा श्रीमती शारदा एवं श्रीमती इंदु त्यागी, फोन पर, चर्चा के लिए उपस्थित थे। दो घंटे चली इस बैठक में खुली चर्चा हुई। बैठक में सर्व सम्मति से डॉ शेरजंग गर्ग को शीर्ष सम्मान एवं डॉ लालित्य ललित को सोपान सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया।

रवीन्द्रनाथ त्यागी शीर्ष सम्मान में इक्कीस हजार रुपए की नगद राशि, श्रीफल,शाल एवं स्मृति-  चिह्न प्रदान किया जाएगा। रवीन्द्रनाथ त्यागी सोपान सम्मान में इक्वायन सौ रुपए की नगद राशि, सात हजार मूल्य की ‘रवीन्द्रनाथ त्यागी रचनावली’ श्रीफल, शाल एवं स्मृति चिह्न प्रदान किया जाएगा।

डॉ शेरजंग की हिन्दी व्यंग्य साहित्य के क्षेत्र में ख्याति  इनके शोध प्रबंध ‘स्वातंत्रयोत्तर हिंदी कविता में व्यंग्य’ के कारण विशेष रूप से है। इस ग्रंथ को हिंदी हास्य-व्यंग्य की विधिवत आलोचना का आरंभिक बिंदु माना जा सकता है।  डॉ शेरजंग गर्ग ने गद्य और पद्य दोनों में समाज सापेक्ष तथा मानवीय मूल्यों पर आधारित रचनाएं लिखी हैं। ‘चंद ताजा गुलाब मेरे नाम’ काव्य संकलन उनकी काव्य प्रतिभा का तथा ‘बाजार से गुजरा हूं’ उनकी गद्य व्यंग्य प्रतिभा का सजग उदाहरण है। वे अपनी गजलों में व्यंग्य की प्रहारक शक्ति के प्रयोग के लिए भी प्रसिद्द  हैं। इन्होंने मंच से कभी कोई समझौता नहीं किया है अपितु मंच को सही संस्कार दिए हैं। बाल-साहित्य उनके योगदान को कभी विस्मृत नहीं कर सकता। ऐसे समय में जब हिंदी साहित्य में शिशु गीत न के बराबर थे, डाॅ. गर्ग ने उनकी शुरूआत की।

लालित्य ललित की उपस्थिति को साहित्य अभिव्यक्ति के सभी माध्यमों में सक्रिय देखा जा सकता है। लालित्य ललित की कविताओं को पढ़कर समाज और जीवन से उनके जुड़ाव को महसूसा जा सकता है। वे व्यंग्य को लेकर गंभीर हैं। उनका अनुभव संसार बहुत व्यापक है। वे गद्य और पद्य में राजनीति, समाज, शिक्षा, प्रशासन आदि क्षेत्रों की विसंगतियों को अपने  लेखन का आधार बनाते हैं। उनकी युवा दृष्टि जहां मॉल, लड़कियों और बाजार के उत्पादों पर रहती है और आधुनिक होते जीवन की विसंगतियों को रेखांकित करती है वहीं वह सार्थक एवं मानवीय सबंधों से युक्त मूल्यों के प्रतीकों को भी तलाशती है।

सम्मान समारोह नई दिल्ली के हिंदी भवन में रवीन्द्रनाथ त्यागी जी के जन्मदिन पर 9 मई 2018 को शाम 5.30 बजे होगा।
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