जज़्बा सांस्कृतिक संगठन

शुभम श्रीवास्तव , Nov 09, 2014, 17:25 pm IST
Keywords: जज़्बा   सांस्कृतिक संगठन   दो दिवसीय कार्यशाला   शुभारम्भ   Spirit   Cultural organizations   Two-day workshop   Opening  
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जज़्बा सांस्कृतिक संगठन नई दिल्ली: जज़्बा सांस्कृतिक संगठन  के  ८ एवम ९ नवंबर के दो दिवसीय कार्यशाला का आज सुभारम्भ मायाराम सुरजन भवन(पी  & टी चौक  ) मे किया गया।  कार्यशाला के पहले दिन दो सत्र आयोजित किये गए जिसमे पहला सत्र रंगमंच के बदलते स्वरुप में करियर की सम्भावनाओं पर चर्चा की गयी।

इस विषय पर बात करने के लिए रंगकर्मी मैनुल अली मौजूद थे।  उन्होंने बताया  की कुशल रंगकर्मी बनने के लिए किरदार को जीने की जरुरत है और साथ ही साथ पुस्तकों का भी अध्ययन करना चाहिए।  इसके दूसरे सत्र मे क्राउड फंडिंग से बनी फिल्म" नया पता " को प्रदर्शित किया गया इस मौके पर इस फिल्म के निर्देशक " पवन कुमार " स्वयं मौजूद थे। 

फिल्म उन लोगों पर आधारित थी जो रोजगार की खोज मे अपने  घर गाँव से दूर  हो जाते है और लगभग अपना सारा जीवन अकेले, अपनों से  दूर बिताते हैं।  उन्होंने युवाओं को यह बताया की " जिस काम के लिए अगर आप यह सोच ले की आप सिर्फ यही काम कर सकते है तो वही काम कीजिये , इससे आप और आपका काम दोनों सफल होगा। "

आर्ट फिल्मों को लेकर लोगों के बोरिंग नजरिये को उन्होंने बताते हुए कहा की इसमें लोगों की गलती नहीं है , दरअसल लोगों को एक ही स्वाद चखने की आदत सी हो गयी है। 

उनकी एक बात जो युवाओं को ज्यादा प्रभावित की वह यह थी " हम जिस भी साधन को अपनाएं चाहे वह सिनेमा हो  , रंगमंच हो , नुक्कड़ हो , आप उसमे सहयोग करें (कुछ नया ) सिर्फ उसके पुराने ढांचे में ढल कर उसका शोषण ना करें। "

इस कार्यशाला में उपस्थित युवाओं ने जज़्बा के इस प्रयास को सराहा है। इस कार्यशाला का अंतिम दिन ०९ नवंबर है। 
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