बालीवुड के ये खान, काबुल के पठान

जनता जनार्दन संवाददाता , May 17, 2011, 18:49 pm IST
Keywords: Khans   ख़ान   Bollywood   बालीवुड   Afghan traces   अफगान मूल के कलाकारों   काबुल   Pathan roots   पठान जड़ें  
फ़ॉन्ट साइज :
 बालीवुड के ये खान, काबुल के पठान काबुल: काबुल के रहने वाले महबूबुल्लाह खान जब एक साल पहले ऑल इंडिया रेडियो में काम करने भारत आए थे, तो उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि उनकी यह यात्रा बॉलीवुड के अफगान मूल के कलाकारों व फिल्मकारों पर आधारित किताब के रूप में समाप्त होगी।

महबूबुल्लाह के देश अफगानिस्तान की अनेक पुरुष व महिलाएं भारतीय फिल्मोद्योग और टेलीविजन श्रृंखलाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में करीब आधा दर्जन ऐसे सिनेमा हॉल हैं जहां हमेशा बॉलीवुड फिल्में दिखाई जाती हैं।

मेहबूबुल्लाह ने अफगानिस्तान की यात्रा पर पहुंची देवीरूपा मित्रा नाम की एक न्यूज एजेंसी की संवाददाता को बताया, "जब मैं भारत में था तो मैंने देखा कि भारतीय फिल्मोद्योग में बहुत से खान हैं। इससे मुझे इस दिशा में शोध करने का विचार आया।" 28 वर्षीय मेहबूबुल्लाह एआईआर के बाह्य सेवा विभाग में काम करने के लिए भारत पहुंचे थे। एआईआर की इस सेवा के कार्यक्रम डारी और पश्तो भाषा में भी प्रसारित होते हैं।

अपनी किताब के जरिए मेहबूबुल्लाह दिखाना चाहते थे कि किस तरह भारत पहुंचे अफगानी लोगों ने बॉलीवुड के विकास में योगदान दिया। उन्होंने बताया, "मैं लिखना चाहता था कि किस तरह पठान समुदाय ने भारतीय फिल्मोद्योग में बेहतरीन प्रदर्शन किया।"

मेहबूबुल्लाह ने इसके लिए पांच से छह महीने तक कई किताबें पढ़कर शोध किया। इसके बाद उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें फिल्मोद्योग के अफगानी लोगों से मुलाकात भी करनी चाहिए।

उन्होंने मुम्बई पहुंचकर तीन प्रमुख खान सितारों से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन वह सिर्फ सलमान खान से ही मिल सके। उन्होंने बताया, "मैं सलमान का साक्षात्कार लेने के लिए तीन दिन उनके घर गया।" मेहबूबुल्लाह ने सलमान के भाई अरबाज खान और पिता सलीम खान का भी साक्षात्कार लिया।

सलीम खान के पिता अफगानिस्तान से थे और वह भारत पहुंचकर मध्य प्रदेश में बस गए थे।

इसके बाद महबूबुल्लाह ने निर्देशक संजय खान, फरहा खान व अभिनेता कादर खान सहित अन्य से मुलाकात की।

उन्होंने बताया कि संजय खान के भाई फिरोज खान 'धर्मात्मा' की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान आए थे। वह यहां लौटना चाहते थे लेकिन यहां की खराब स्थितियों के चलते ऐसा नहीं कर सके।

उनके पिता अफगानिस्तान के गजनी से आकर बेंगलूरू में बस गए थे, जहां खान भाईयों का जन्म हुआ। फिरोज की 'धर्मात्मा' (1975) अफगानिस्तान में बनी पहली भारतीय फिल्म थी।

इसके अलावा केवल दो और फिल्मों 'खुदा गवाह' (1992) और 'काबुल एक्सप्रेस' (2006) की शूटिंग अफगानिस्तान में हुई है।

महबूबुल्लाह ने करीब 300 फिल्मों में अभिनय कर चुके 75 वर्षीय कादर खान से भी मुलाकात की। कादर ने उनसे पश्तो भाषा में अफगानिस्तान और अपने परिवार के सम्बंध में बात की।

महबूबुल्लाह की मुलाकात आमिर खान और शाहरुख खान से न हो सकी। आमिर का परिवार हेरात से है तो शाहरूख के दादा भी अफगानिस्तान से थे।

अफगानिस्तान लौटने पर महबूबुल्लाह की 'खान्स इन बॉलीवुड' किताब दो भाषाओं डारी और पश्तो में प्रकाशित हो चुकी है। अगले महीने भारत में भी उनकी किताब का अंग्रेजी संस्करण आने की उम्मीद है।
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल