रक्षाबंधन पर इनकी कलाई पर बांधें पहली राखी

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 10, 2022, 20:11 pm IST
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रक्षाबंधन पर इनकी कलाई पर बांधें पहली राखी

श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. इस बार राखी का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. अक्सर बहनें पहली राखी अपने भाई की कलाई पर ही बांधती है. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बहनों को पहली राखी अपने ईष्ट देव को बांधनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान हर मुश्किल में अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ईष्ट देव उन्हें कहा जाता है, जिन्हें आप सभी देवताओं में सबसे ज्यादा पूजते हैं और मानते हैं. जैसे कुछ लोगों के ईष्ट देव शिव जी होते हैं, तो कुछ के विष्णु भगवान, वहीं कुछ लोग कान्हा को रक्षासूत्र बांधते हैं. आइए जानते हैं राखी के दिन किस देवता को कौन से रंग की राखी बांधने से क्या वरदान मिलेगा. 

हनुमान जी- ज्योतिष के अनुसार हनुमानजी को लाल रंग बेहद प्रिय है. इसलिए उन्हें लाल रंग का रक्षासूत्र अर्पित करें. इससे मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और बल, बुद्धि के साथ विद्या के वरदान की भी प्राप्ति होती है. हनुमान जी को रक्षासूत्र अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मुश्किलें दूर हो जाती हैं. 

भगवान शिव- सावन के आखिरी दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव को रक्षासूत्र अर्पित करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. कहते है कि भगवान शिव को किसी भी रंग का रक्षासूत्र अर्पित किया जा सकता है. इस दिन शिव जी के साथ चंद्रमा की पूजा का भी विधान है. 

गणेश जी- गणेश जी को प्रथम पूजनीय देवता कहा जाता है. मान्यता है कि गणपति को उनका प्रिय रंग हरे रंग की राखी बांधें. ऐसा करने से बुध ग्रह के दोष कम हो जाते हैं औऱ व्यक्ति का दिमाग तेज होता है. घर में सुख-समृद्धि आती है. 

भगवान विष्णु-  भगवान विष्णु को पीतांबरधारी भी कहा जाता है. श्री हरि पीला रंग बेहद प्रिय है. इसलिए इन्हें रक्षासूत्र भी पीले या केसरिया रंग का ही अर्पित करें. ऐसा करने से  गुरु ग्रह से संबंधित दोषों में कमी आती है.

शनिदेव- शनिदेव को न्यायाधीश के नाम से भी जाना जाता है. शनिदेव के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए रक्षाबंधन पर शनिदेव को नीले रंग की राखी बांध सकते हैं. इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं. 

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