2050 तक भारत में आधा रह जाएगा अनाज का उत्पादन, जानें क्‍यों

जनता जनार्दन संवाददाता , Jun 25, 2018, 10:37 am IST
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2050 तक भारत में आधा रह जाएगा अनाज का उत्पादन, जानें क्‍यों

दिल्ली: अगर यूरोपीय कमीशन के ज्वांइट रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट वर्ल्ड एटलस ऑफ डेजर्टीफिकेशन के आंकड़ों को सही मानें तो आने वाले कुछ ही वर्षों में दुनियाभर में खाने के लाले पड़ने वाले हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि भारत, चीन और उप-सहारा अफ्रीकी देशों में स्थिति सबसे गंभीर होगी।

रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के चलते प्रदूषण, भू-क्षरण और सूखा पड़ने की वजह से पृथ्वी के तीन-चौथाई भूमि क्षेत्र की गुणवत्ता खत्म हो गई है। सदी के मध्य तक यह आंकड़ बहुत अधिक बढ़ने की आशंका है। अगर ऐसे ही भूमि की गुणवत्ता खत्म होती रही तो इससे कृषि पैदावार को नुकसान होगा। 2050 तक वैश्विक अनाज उत्पादन काफी कम हो जाएगा।

भविष्य में खाद्यान्न संकट उत्पन्न होने की आशंका के पीछे सबसे बड़ा हाथ कृषि का ही है। इसके बाद जंगलों का कटाव और शहरों का विकास जिम्मेदार है। पृथ्वी की एक-तिहाई जमीन फसलों और पशुओं के चारे की घास से पटी हुई है। इसके बावजूद जलवायु परिवर्तन की वजह से अन्न का उत्पादन कम होने की आशंकाएं हैं।

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