'ब्रिटेन ने कोहिनूर हीरा लूटा नहीं, हमने अंग्रेजों को गिफ्ट किया'
जनता जनार्दन डेस्क ,
Apr 18, 2016, 16:01 pm IST
Keywords: Britain Kohinoor diamond court government Queen Elizabeth British Queen East India Company Maharaja Ranjit Singh Mahesh Sharmaब्रिटेन कोहिनूर हीरा सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार महारानी एलिजाबेथ ब्रिटिश महारानी ईस्ट इंडिया कंपनी महाराज रणजीत सिंह महेश शर्मा
नई दिल्ली: कोहिनूर हीरे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के जवाब से सवाल उठने लगे हैं। इन जवाबों से तो यही लगता है कि कोहिनूर हीरे पर केंद्र ने दावेदारी छोड़ दी है।
दरअसल, कोहिनूर हीरा देश में वापस लाए जाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से पूछा कि कोहिनूर को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत केंद्र सरकार से छह हफ्ते में जवाब मांगा है। केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग नहीं कर सकती। सरकार ने कहा कि 1849 में कोहिनूर ईस्ट इंडिया कंपनी को महाराजा दिलीप सिंह ने बतौर उपहार दिया था। केंद्र ने कहा कि कोहिनूर पर सीधे तौर पर दावा नहीं किया जा सकता है। कोहिनूर को वापस लाना अब संभव नहीं है। अंग्रेज कोहिनूर को लूटकर नहीं ले गए थे बल्कि कोहिनूर को हर्जाने के तौर (गिफ्ट) के तौर पर दिया गया था। कोहिनूर को भारत से लूटकर नहीं ले जाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अब 6 हफ्ते के अंदर केंद्र से जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान संस्कृति मंत्रालय की ओर से कोर्ट में जवाब दिया गया कि महाराजा दिलीप सिंह ने सिख युद्ध के बाद बतौर हर्जाना ईस्ट इंडिया कंपनी को कोहिनूर दिया था। कोहिनूर ऐसी चीज नहीं है जिसे भारत से चुराया गया हो। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या आप इस केस को खारिज करना चाहते हैं। इससे आप भविष्य में इस पर कानूनी क्लेम करने में दिक्कत होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर विदेश मंत्रालय को 6 हफ्ते के भीतर एफिडेविट दाखिल करने को कहा है। संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि कोहनूर हीरा आजादी के पहले का विषय है। इस पर अगर कोई कॉल होगी तो विदेश मंत्रालय लेगा। संस्कृति मंत्रालय इस मामले पर अपनी तरफ से कोई विचार नहीं रखेगा। |
क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं? |
|
हां
|
|
नहीं
|
|
बताना मुश्किल
|
|
|