मध्य-पूर्व
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भारत से हजारों किलोमीटर दूर लड़ा गया इजरायल और अरब देशों का युद्ध कैसे बना इमरजेंसी का कारण? जनता जनार्दन ,  Jun 25, 2025
भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में कुछ तारीखें ऐसी होती हैं जो सिर्फ घटनाओं के तौर पर दर्ज नहीं होतीं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी की चेतना में हमेशा के लिए जगह ....  समाचार पढ़ें
परमाणु ठिकानों पर किया हमला तो भड़का ईरान जनता जनार्दन ,  Jun 22, 2025
ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव एक और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. अमेरिकी हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने अमेरिका की कड़ी निंदा करते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय कानून, यूएन चार्टर और एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) का गंभीर उल्लंघनकर्ता करा ....  समाचार पढ़ें
क्या अमेरिका पर हमला करने की हिम्मत करेगा ईरान? जनता जनार्दन ,  Jun 22, 2025
पश्चिमी एशिया में हालात बेहद नाजुक हो गए हैं. अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े और संवेदनशील परमाणु केंद्रों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर हवा ....  समाचार पढ़ें
खामेनेई को अब किसी से मतलब नहीं, इजरायल के खिलाफ आग उगलेगा ईरान जनता जनार्दन ,  Jun 21, 2025
मध्य पूर्व की स्थिति अब कगार पर पहुंच चुकी है. इजरायल और ईरान के बीच छिड़ा संघर्ष अब सिर्फ सीमित सैन्य कार्रवाई नहीं रहा, बल्कि एक खुली जंग की शक्ल ले चुका है. अंतरराष्ट्रीय मंचों से शांति की अपीलें जारी हैं, लेकिन तेहरान अब किसी मध्यस्थता या समझौते की भाषा सुनने को तैयार नहीं है. ईरान की तरफ से यह साफ संदेश आ चुका है कि जब तक इजरायल के हमले जारी रहेंगे और अमेरिका उनके पीछे खड़ा रहेगा, तब तक कोई भी वार्ता या कूटनीति मुमकिन नहीं है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास आराघची ने तीखे लहजे में कहा, "जिस कूटनीति पर बमों की छाया हो, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता.” दुनिया की सुनने को तैयार नहीं ईरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई अब खुलकर मैदान में तो नहीं आए हैं, लेकिन उनकी चुप्पी को रणनीतिक मौन कहा जा रहा है. उनका यह रुख बताता है कि अब तेहरान केवल जवाब देने के मूड में है—चाहे इसके लिए उसे वैश्विक दबाव या अंतरराष्ट्रीय आलोचना क्यों न झेलनी पड़े. ईरान की स्थिति अब 'आर या पार' की हो चली है. ट्रंप हों, पुतिन हों या शी जिनपिंग—ईरान किसी की भी सिफारिश सुनने के मूड में नहीं है. ईरान को लगता है कि यह लड़ाई अब सिर्फ सैन्य मोर्चे की नहीं, बल्कि उसकी संप्रभुता और अस्तित्व की है. चीन का शांति प्रस्ताव और तेहरान की नाराज़गी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बीजिंग से मध्य पूर्व की स्थिति पर 'चार सूत्रीय प्रस्ताव' रखा, जिसमें युद्धविराम, नागरिकों की सुरक्षा, बातचीत की बहाली और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बात शामिल थी. लेकिन तेहरान ने इन प्रस्तावों को कोई खास तवज्जो नहीं दी. ईरान की नजर में अमेरिका अब केवल एक 'दर्शक' नहीं, बल्कि इस संघर्ष का सक्रिय 'साझेदार' बन चुका है. अमेरिका की सैन्य और खुफिया मदद को ईरान एक युद्ध में सीधी भागीदारी मान रहा है. आंतरिक उबाल, राष्ट्रीय गर्व ईरान के भीतर इस समय गुस्से और राष्ट्रवाद की लहर है. जनता सरकार के साथ खड़ी दिख रही है और हर तरफ एक ही आवाज है—"अब और नहीं झुकेंगे.” विश्लेषकों का कहना है कि ये माहौल सरकार को और सख्त रुख अपनाने के लिए मजबूर कर रहा है. इजरायल के हालिया हमलों के जवाब में ईरान की प्रतिक्रिया बताती है कि अब कूटनीति पीछे छूटती जा रही है और युद्ध की लपटें तेज होती जा रही हैं. क्या बचेगी शांति की उम्मीद? बीच-बीच में दुनिया से शांति की आवाजें उठती हैं, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए सवाल उठता है—क्या ये आवाजें उन इलाकों तक पहुंच पाएंगी, जहां सिर्फ धमाकों और हमलों की गूंज है? फिलहाल स्थिति बेहद गंभीर है. अगर जल्द कोई संतुलन नहीं बना, तो यह टकराव एक बड़े क्षेत्रीय संकट में तब्दील हो सकता है. ....  समाचार पढ़ें
ईरान ही नहीं, गाजा-लेबनान में भी हमले कर रहा इजरायल जनता जनार्दन ,  Jun 21, 2025
मध्य पूर्व में छिड़े भीषण संघर्ष ने अब कई मोर्चों पर लड़ाई का रूप ले लिया है. इज़रायल केवल ईरान के खिलाफ ही कार्रवाई नहीं कर रहा, बल्कि उसके साथ-साथ उन आतंकी संगठनों को भी निशाने पर ले रहा है, जो ईरान के समर्थन से इज़रायल के खिलाफ लंबे समय से हमलावर हैं. इनमें हमा ....  समाचार पढ़ें
ईरान को ललकारते रह गए ट्रंप, उधर इराक में धमाके से दहल गया अमेरिकी बेस जनता जनार्दन ,  Jun 15, 2025
मध्य पूर्व में पहले से ही तनाव की चिंगारी सुलग रही थी, और अब उस पर जैसे किसी ने बारूद डाल दिया हो. इज़राइल और ईरान के बीच जारी तनातनी के बीच इराक स्थित अमेर ....  समाचार पढ़ें
इजरायल में नेतन्याहू सरकार के खिलाफ अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा प्रदर्शन जनता जनार्दन डेस्क ,  Mar 19, 2023
इजरायल में अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन जारी है. बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन 10वें हफ्ते भी होता रहा. इस विरोध प्रदर्शन में करीब 5 लाख लोग सरकार के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरे और कहा कि ये निर्णय इजरायल को तानाशाही की ओर ले जाएगा. ....  समाचार पढ़ें
पाकिस्तान को लगा झटका फंडिंग को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का बड़ा बयान जनता जनार्दन संवाददाता ,  May 25, 2021
ऑस्टिन ने ट्वीट किया, ''मैंने दोहराया कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों की मैं सराहना करता हूं. क्षेत्रीय सुरक्षा तथा स्थिरता को बढ़ाने की खातिर मिलकर काम करने की इच्छा भी मैंने दोहराई.'' सुलिवन ने भी एक दिन पहले अपने पाकिस्तानी समकक्ष मोईद यूसुफ से जिनेवा में मुलाकात की थी ....  समाचार पढ़ें
इजराइल-हमास के बीच युद्ध विराम, बाइडेन सहित विश्व नेताओं ने जाहिर की खुशी जनता जनार्दन डेस्क ,  May 21, 2021
आखिरकार इजराइल और फिलिस्तीन 11 दिन चली खूनी जंग के बाद युद्धविराम के लिए सहमत हो गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित दुनिया भर के नेताओं ने इस खबर का स्वागत किया. ....  समाचार पढ़ें
सऊदी अरब ने भारत-पाकिस्‍तान समेत 20 देशों को  दिया बड़ा झटका जनता जनार्दन संवाददाता ,  Feb 04, 2021
सऊदी अरब ने कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए यह प्रतिबंध लगाया है.सऊदी अरब सरकार ने कहा कि देश के नागरिकों, राजनयिकों और स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों तथा उनके परिवार को इन देशों से आने की अनुमति होगी, लेकिन उन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के बचाव के नियमों का पालन करना होगा. ....  समाचार पढ़ें
जानें खूनी इतिहासः सदियों पुराना है अरब-इजराइल संघर्ष, जिसके केंद्र में है फिलिस्तीन, यरूशलम और गाजा पट्टी जनता जनार्दन डेस्क ,  May 21, 2021
तकरीबन तीन हजार साल पहले मध्य पूर्व में दुनिया के तीन बड़े समझे जाने वाले धर्म की शुरुआत हुई. यरूशलम इसका केंद्र है, और अरब-इजरायल संघर्ष के जड़ में इसकी क्या भूमिका है, समझिए ....  लेख पढ़ें
मिसाइल हमलों से बेखौफ बशर अल-असदः वह न तो सद्दाम हैं, न गद्दाफी और न ही सीरिया, इराक या लीबिया है जनता जनार्दन डेस्क ,  Apr 15, 2018
बशर अल-असद को लेकर पश्चिमी देश भ्रम में हैं. अमेरिका का सीरिया पर हुआ हमला असद के फौलादी इरादों को छू भी नहीं सका है. यह ठीक है कि सीरिया के गृह युद्ध ने दुनिया के दो ध्रुवों अमेरिका और रूस के बीच फिर से शीत युद्ध को पिहला कर तनाव को उभार दिया है. ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका की सेनाएं सीरिया में हमले कर रही हैं और दूसरी तरफ रूस सीरिया सरकार के साथ खड़ा है. ....  लेख पढ़ें
क़तर-अरब देशों का विवादः अभी भारत पर असर नहीं, पर अगर समस्या बढ़ी तो जनता जनार्दन डेस्क ,  Jun 06, 2017
भारत को मौजूदा संघर्ष तुरंत किसी का पक्ष लेने से बचना होगा. जब तक क़तर में रह रहे भारतीयों के जीवन पर बहुत ज़्यादा असर नहीं पड़े तब तक भारत के लिए संतुलित रवैया रखना ही बेहतर होगा. ....  लेख पढ़ें
सऊदी-कतर विवाद की असली कहानीः कहीं डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा का असर तो नहीं? जनता जनार्दन डेस्क ,  Jun 06, 2017
कतर को खाड़ी देशों के बीच अलग-थलग करने की मुहिम जारी है. खाड़ी विवाद एक नए स्तर पर है, जिसमें अमेरिका भी अपनी भूमिका निभा रहा. मिस्र और सऊदी अरब ने अब क़तर के विमानों पर अपने हवाई क्षेत्र में उड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ....  लेख पढ़ें
सऊदी अरब में सफलता की कहानियां गढ़ रहे हैं भारतीय जनता जनार्दन डेस्क ,  May 05, 2017
सऊदी अरब और भारत के लोगों को एक सूत्र में बांधने में अर्थव्यवस्था, संस्कृति और मानवीय जुड़ाव सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक रहे हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग विश्व के सबसे पुराने और सबसे बेहतर सहयोगों में से एक है। यह इतना पुराना है कि इसकी जड़ें ईसा पूर्व तीसरी सहस्राब्दी में पाई जाती हैं। ....  लेख पढ़ें
मिस्र– अधूरी क्रांति का पूरा सपना आशुतोष ,  Aug 19, 2013
मिस्र में कत्लेआम जारी है। सात सौ से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है। चारों तरफ हाहाकार मचा है। किसी को नहीं पता कि आगे क्या होगा? दो साल पहले भी इसी तरह के हालात थे। मिस्र की तानाशाह सरकार के खिलाफ अवाम ने विद्रोह कर दिया था। तब भी खून-खराबा हुआ था। अंतत: तानाशाह हुस्नी मुबारक को पद छोड़ना पड़ा। अदालती कार्रवाई के दौरान पिंजरे में कैद उनकी तस्वीर पूरी दुनिया ने देखी। जनता जीत गई, तानाशाह हार गया। जो पश्चिम एशिया में कभी नहीं हुआ था, वह हो गया। मिस्र में चुनाव हुए। लोकतांत्रिक चुनी हुई सरकार बनी। लगा कि सब ठीक हो गया है। पर वह क्रांति अधूरी थी। क्रांति को अभी पूरा होना था। राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने अपना रंग दिखाना शुरू किया। ....  लेख पढ़ें
गद्दाफी युग खात्मे की खुशी?अभी नहीं जनता जनार्दन संवाददाता ,  Aug 28, 2011
वर्षों लगते हैं किसी देश का सियासी सूरतेहाल बदलने में, और उस देश के हालात तो और भी ख़राब होते हैं जो हिंसा से बदलाव की तरफ रूख करते हैं. लीबिया में भले ही गद्दाफी युग का 'निस्संदेह' अंत हो गया है, लेकिन लीबियाई लोगों को देश के भविष्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि आगे जबरदस्त मुश्किलें हैं। ....  लेख पढ़ें
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