बाप रे! इतनी नाराजगी...इस राज्य के 6 जिलों में नहीं पड़ा एक भी वोट

जनता जनार्दन संवाददाता , Apr 19, 2024, 18:54 pm IST
Keywords: Election Boycot   Eastern Nagaland   लोकसभा   नागालैंड    चीफ इलेक्शन ऑफिसर  
फ़ॉन्ट साइज :
बाप रे! इतनी नाराजगी...इस राज्य के 6 जिलों में नहीं पड़ा एक भी वोट लोकसभा के पहले चरण के चुनावों के लिए आज देशभर में वोट डाले जा रहे हैं. इन चुनावों में देशभर का औसत अब तक करीब 55 से 60 प्रतिशत आ रहा है. हालांकि नागालैंड में अजीब स्थिति दिखाई दे. नागालैंड के 6 जिलों में आज शून्य मतदान दर्ज किया गया. इसकी वजह ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन नाम का संगठन है, जो अधिक वित्तीय स्वायत्तता के साथ अपने लिए राज्य में एक अलग प्रशासन की मांग कर रहा है. उसने चुनाव से पहले पब्लिक इमरजेंसी का ऐलान करते हुए लोगों से वोटिंग का बहिष्कार करने की अपील की थी, जिसका असर आज हुए मतदान पर नजर आया है. 

नागालैंड में लोगों को वोटिंग से रोकने पर उत्तर-पूर्वी राज्य के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने ENPO को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इलेक्शन ऑफिसर ने अपने नोटिस में वोटिंग से बहिष्कार करने की वजह पूछी है और कार्रवाई की चेतावनी दी है. संस्था को कहा गया है कि उचित रिप्लाई न करने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. 

इस नोटिस पर ENPO ने भी अपना जवाब दिया है. संगठन ने कहा कि यह लोगों की एक स्वैच्छिक पहल थी. इसके लिए किसी भी व्यक्ति को फोर्स नहीं किया गया. ऐसा करना कोई अपराध नहीं है, लिहाजा इस पर चुनाव आयोग की धारा 171सी के तहत लागू नहीं होती. संगठन ने कहा कि आयोग को शायद कोई गलतफहमी हुई है और वह इस मुद्दे पर वह चुनाव आयोग के साथ सहयोग करने को तैयार है. 

ENPO ने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए 30 मार्च को पूर्वी नागालैंड विधायक संघ के साथ बंद कमरे में लंबी बैठक की थी. इस बैठक में संघ के सभी 20 विधायकों ने भाग लिया था. संगठन ने उनसे लोकसभा चुनाव से दूर रहने का फैसला दोहराया था. हालांकि संघ से जुड़े विधायकों ने उससे इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी, जिसे संगठन ने नहीं माना. विधायकों के साथ बैठक के अगले दिन ENPO ने अपने इस फैसले के बारे में चुनाव आयोग को भी सूचित किया था. 

बता दें कि ENPO पूर्वी नागालैंड की सात नागा जनजातियों की सर्वोच्च संस्था है. इसने पिछले साल असेंबली चुनाव के बहिष्कार का भी आह्वान किया था, जिसे गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद वापस ले लिया गया था. हालांकि अब उसने लोकसभा चुनाव में अपनी मतदान बहिष्कार की अपील कायम रखी, जिसका व्यापक असर आज नजर आया है. नागालैंड में लोकसभा की केवल सीट है, जिस पर 2018 के उपचुनाव के बाद से नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के तोखेहो येपथोमी का कब्जा है. NDPP राज्य में भाजपा की सहयोगी पार्टी है.
अन्य चुनाव लेख
वोट दें

क्या आप कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों की कोशिशों से संतुष्ट हैं?

हां
नहीं
बताना मुश्किल