राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की दिनदहाड़े गोलीमार कर हत्या

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की दिनदहाड़े गोलीमार कर हत्या राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की दिनदहाड़े गोलीमार कर हत्या कर दी गई. हत्या की खबर मिलते ही जयपुर की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. हमले की जिम्मेदारी बीकानेर के रहने वाले रोहित गोदारा ने ली है जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य है. इस हमले के बाद राजस्थान सरकार और स्थानीय प्रशासन पर 5 बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं! 

करणी सेना से नाराजगी के बाद सुखदेव सिंह ने राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का गठन किया था. इस दौरान उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गैंग से लगातार धमकियां मिल रही थीं. इस दौरान सुखदेव सिंह ने राज्य सरकार से कई बार सुरक्षा की मांग की लेकिन उनकी इस मांग को गहलोत सरकार ने दरकिनार किया. अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर क्यों सुरक्षा की मांग करने के बाद भी सुखदेव सिंह को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? अशोक गहलोत भले ही सत्ता से बाहर हो चुके हैं लेकिन सुखदेव सिंह की हत्या के बाद गहलोत सरकार एक बार फिर सवालों के घेरे में है. 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सुखदेव सिंह ने स्थानीय पुलिस प्रशासन से भी सुरक्षा की मांग की थी लेकिन पुलिस की ओर से भी उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया. वहीं स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि राजस्थान की राजधानी में बदमाशों ने कैसे इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया और हथियारबंद हमलावर शहर में कैसे दाखिल हुए? इस दौरान लोकल पुलिस कहां थी?

सुखदेव सिंह का अपने समाज पर काफी प्रभाव था. स्कॉर्पियो से आए बदमाशों ने घर में घुसकर सुखदेव सिंह पर 17 राउंड फायरिंग की. इसके बाद एक नीले रंग की स्कूटी से भागने में कामयाब रहे. इस पर फिर स्थानीय प्रशासन सवालों के घेरे में है! कैसे चार बदमाश इतने भयानक मंसूबे को अंजाम देने के बाद भागने में कामयाब रहे.

राजस्थान के चुनावी नतीजों ने राज्य में तख्तापलट कर दिया है लेकिन वर्तमान में वहां नई सरकार का गठन नहीं हो सका है. हत्या के बाद राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों सड़कों को जाम कर दिया गया. प्रशासन को करणी सेना की ओर से 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है कि हमलावरों को पकड़ा जाए. ऐसी स्थिति में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करना सबसे बड़ा चैलेंज होगा.

आपको बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई इन दिनों दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है लेकिन उसका खौफ बाहर बरकरार है. पुलिस के सामने ये सवाल है कि आखिर कैसे देश की सबसे सुरक्षित जेल में बंद होकर भी लॉरेंस बिश्नोई अपने मंसूबों को अंजाम देता है. उसके गैंग को पुलिस नस्तेनाबूत क्यों नहीं कर पा रही है? इसके साथ ही सवाल ये भी है कि क्या लॉरेंस गैंग को कोई बाहरी ताकत मदद दे रही है?

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