एमपी तय करेगा कि अगले 5 साल भारत को राहुल चलाएंगे या मोदी

जनता जनार्दन संवाददाता , Nov 13, 2023, 17:53 pm IST
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एमपी तय करेगा कि अगले 5 साल भारत को राहुल चलाएंगे या मोदी एमपी समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहा है. राजनीति की एक्सपर्ट इसे 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल बता रहे हैं. बीजेपी (BJP) और कांग्रेस दोनों इसमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जोर लगा रही हैं. क्योंकि इसके बाद दोनों पार्टियों की नजर 2024 के चुनाव पर हैं. दोनों पार्टियों के नेता ताबड़तोड़ रैलियां भी कर रहे हैं. इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ब्रह्मास्त्र चल दिया है. शाह ने एमपी की रैपी में पीएम मोदी की उपलब्धियां गिनाते हुए पूछा कि आप क्या चाहते हैं. देश को अगले 5 साल राहुल चलाएंगे या पीएम मोदी? अमित शाह के इस बयान के पीछे बीजेपी की क्या रणनीति है, आइए इसके बारे में जानते हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब देश में कांग्रेस का राज था, तब पाकिस्तान ने अपने आतंकवादियों के जरिए भारत पर हमले किए, पर मोदी सरकार ने उरी और पुलवामा आतंकी हमलों के बाद 10 दिन में सर्जिकल और हवाई हमले किए गए. पाकिस्तान को सबक सिखाया. अगर आप देश को सेफ करना चाहते हैं तो आपको केंद्र में मोदी सरकार और एमपी में बीजेपी सरकार को वोट देना होगा.

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ही थी जिसने कश्मीर से धारा 370 को हटाने का काम किया. लेकिन राहुल गांधी दावा कर रहे थे कि ऐसा करने से खून-खराबा हो जाएगा. लेकिन खून-खराबा तो क्या वहां अब किसी की कंकड़ चलाने तक की हिम्मत नहीं है. शाह ने कांग्रेस पर देश की संस्कृति को तबाह करने का आरोप भी लगाया और कहा कि यह मोदी सरकार ही थी जिसने कांग्रेस को ऐसा करने से रोका. कांग्रेस ने राम मंदिर बनने में भी अड़ंगा डाला. पर अब अयोध्या में भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है. 22 जनवरी को उसका उद्घाटन भी हो जाएगा.


अपने इन बयानों के जरिए अमित शाह ने साफ कर दिया कि 2019 की तरह 2024 में भी बीजेपी नरेंद्र मोदी Vs राहुल गांधी कराने के मूड में है. बीजेपी चाह रही है कि 2024 में जनता के सामने बाकी मुद्दों से बड़ा ये मुद्दा हो जाए कि अगले प्रधानमंत्री फिर से मोदी बनेंगे या राहुल गांधी को मौका देना चाहिए. जबकि इसके उलट इंडिया गठबंधन की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार के तौर किसी भी नेता को आगे नहीं किया है.

बीजेपी चाहती है कि हर तरफ अगर नरेंद्र मोदी Vs राहुल गांधी की चर्चा होने लगे तो इससे इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर फर्क पड़ सकता है. क्योंकि ये तो तय है कि इंडिया गठबंधन की पार्टियों में कई ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री बनने की चाहत अपने मन में रखते हैं. हालांकि, अभी तक खुलकर इस पर किसी ने कुछ नहीं कहा है. 2024 के चुनाव में अभी कई महीने बाकी हैं. उससे पहले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल में तय होगा कि 2024 के चुनाव में जाने से पहले किसका पलड़ा भारी होगा.

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