मोदी सरकार ने निजी क्षेत्र के लिए अधिक पेंशन की घोषणा कर सुरक्षित भविष्य की राह खोली

जय प्रकाश पाण्डेय , May 11, 2023, 20:01 pm IST
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मोदी सरकार ने निजी क्षेत्र के लिए अधिक पेंशन की घोषणा कर सुरक्षित भविष्य की राह खोली निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए यह एक बेहतर खबर थी, जिसकी उम्मीद वे वर्षों से कर रहे थे. सरकार के अधीन रहने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कर्मचारियों के पेंशन को लेकर कई तरह की योजनाएं बनाई हैं, और इसकी घोषणा भी कर दी है.

सरकार की तरफ से जो संकेत सामने आए हैं, उससे एक बार फिर से ज्यादा पेंशन पाने की उम्मीद रखने वालों को खुशखबरी मिली है. आइए, जानते हैं कि इसमें ऐसा क्या है?

अगर आप भी हायर पेंशन का ऑप्शन सलेक्ट करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए हैं. हायर पेंशन का विकल्प चुनने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन योजना के अंशधारकों और पेंशनभोगियों को अतिरिक्त योगदान या बकाया देने को लेकर अपनी सहमति जताने के लिये तीन महीने का समय दिया जाएगा. 


सरकार ने एक आधिकारिक परिपत्र में इस बात की घोषणा की है. सरकार ने यह घोषणा पिछले साल नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने द्वारा केंद्र सरकार से अंशधारकों को उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिये चार महीने का समय देने के आदेश के अनुपालन में की.

ईपीएफओ ने अंशधारकों को उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिये नियोक्ताओं के साथ संयुक्त विकल्प फॉर्म भरने के लिये ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करायी है. इसके लिये समयसीमा पहले तीन मई, 2023 थी, जिसे बढ़ाकर 26 जून, 2023 कर दिया गया था.

हालांकि अभी इस बात को लेकर चीजें साफ नहीं है कि उच्च पेंशन का विकल्प चुनने पर कैसे अतिरिक्त योगदान का विकल्प काम करेगा और भुगतान करने का तरीका क्या होगा. सदस्य अभी इस बात से भी अवगत नहीं है कि बहुत ज्यादा राशि मांगे जाने की स्थिति उन्हें उच्च पेंशन योजना से बाहर होने का विकल्प मिलेगा या नहीं.

परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि अतिरिक्त राशि का निर्धारण क्षेत्रीय अधिकारी करेंगे जो भी राशि निर्धारित होगी ब्याज सहित उसके बारे में सूचना उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों को दी जाएगी. इसमें कहा गया है कि पेंशनभोगियों/सदस्यों को पैसा जमा करने और कोष के अंतरण के लिये सहमति देने को लेकर तीन महीने तक का समय दिया जाएगा.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय अधिकारी पेंशनभोगियों या सदस्यों को उच्च पेंशन के लिये अतिरिक्त कोष के भुगतान की जरूरत के बारे में सूचना देंगे. इस महीने की शुरुआत में श्रम मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वालों के मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त योगदान ईपीएफओ की संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना में नियोक्ता के योगदान से लिया जाएगा.

सरकार कर्मचारी पेंशन योजना में 15,000 रुपए के मूल वेतन की सीमा पर 1.16 प्रतिशत का योगदान सब्सिडी के रूप में देती है. कर्मचारी ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजना में 12 प्रतिशत का योगदान करते हैं. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 प्रतिशत ईपीएस में जाता है. शेष 3.67 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि में जाता है.

जाहिर है कि निजी क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों अंशधारकों के बुढ़ापे के लिए, यह योजना उनके सुरक्षित भविष्य और संतोष का वाहक बन सकती है.

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